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स्टील की कीमतों में 30 फीसद तक का उछाल, RCF कपूरथला में रेल कोच निर्माण पर पड़ सकता है असर

स्टील के दामों में 30 फीसद तक का उछाल आया है। रेलवे को कलपुर्जे सप्लाई करने वाली औद्योगिक इकाइयों पर दोहरी मार पड़ रही है। इससे आने वाले समय में रेल कोच फैक्टरी कपूरथला में कोच निर्माण भी प्रभावित हो सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 02:09 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 04:06 PM (IST)
स्टील की कीमतों में 30 फीसद तक का उछाल, RCF कपूरथला में रेल कोच निर्माण पर पड़ सकता है असर
स्टील के दाम बढ़ने से कोच निर्माण पर पड़ सकता है असर। सांकेतिक फोटो

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला। पिछले ढाई महीने में स्टेनलेस स्टील के दाम में 25 से 30 फीसद की बढ़ोतरी से रेलवे को विभिन्न कलपुर्जे सप्लाई करने वाली देश की करीब 400 औद्योगिक इकाइयों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। रेलवे के स्टेनलेस स्टील संंबंधी टेंडरों में प्राइस वेरिएशन क्लाज का प्रविधान न होने से सप्लायरों को बढ़े हुए रेट पर सप्लाई देनी पड़ रही है, जिससे मार्जिन बिल्कुल खत्म हो गया है। उन्हेंं अपनी जेब से पैसे खर्च कर माल की डिलीवरी देनी पड़ रही है। इससे आने वाले समय में कोच निर्माण भी प्रभावित हो सकता है।

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इस समय देश में रेल कोच फैक्ट्री (RCF) कपूरथला के अलावा चेन्नई और रायबरेली में ही तीन औद्योगिक इकाइयां हैं, जहां रेल डिब्बों का निर्माण होता है। हर कोच फैक्ट्री में अब सिर्फ स्टेनलेस स्टील वाले एलएचबी कोच का ही निर्माण होता है। इनमें सालाना आठ से नौ हजार कोच बन रहे हैं, लेकिन अगर स्टेनलेस स्टील के रेट में इस तरह इजाफा होता रहा, तो आने वाले समय में कोचों के उत्पादन कम हो सकता है। भारतीय रेलवे को कलपुर्जों की सप्लाई करने वाली देश की तमाम औद्योगिक इकाइयों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोहे की तरह स्टेनलेस स्टील के टेंडरों में प्राइस वेरिएशन क्लाज लागू न होने की वजह से रेलवे सप्लायरों को नुकसान हो रहा है।

मार्केट में स्टील के रेट में होने वाले उतरा-चढ़ाव के बजाय सप्लायरों को टेंडर के समय रेट के हिसाब से ही भुगतान होता है, बेशक कीमतों में कितना भी इजाफा हो जाए। इस वजह से पंजाब व देशभर के सप्लायर भारतीय रेलवे व केंद्र सरकार से इस क्लाज को लागू करवाने की मांग कर रहे हैं।

60 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़े दाम

304 ग्रेड वाले स्टील की कीमत पिछले ढाई माह में 185 रुपये से बढ़ कर 245 रुपये प्रति किलो हो गई है, जबकि 409 ग्रेड वाले स्टील की कीमत 90 से बढ़कर 123 रुपये तक पहुंच गई है, लेकिन टेंडर के समय स्टील का रेट करीब 25 से 30 फीसद कम था। अब सप्लायरों को सप्लाई बढ़े हुए रेट पर देनी पड़ रही है। अगर वह समय पर सप्लाई नहीं देंगे तो उनका रिकार्ड खराब होगा और आगे से टेंडर लेने में दिक्कत होगी। इस वजह से तमाम सप्लायर मजबूरन घाटा खाकर सप्लाई सुनिश्चित बनाने में लगे हैं। उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांग स्वीकार कर ले तो रेलवे पर आधारित सैकड़ों उद्योग बच सकते हैं।

वेरिएशन का प्रविधान जोड़ा जाए

चैंबर्स आफ कामर्स पंजाब के सदस्य पीएस सिद्धू एवं सुरेश जैन ने सरकार से मांग की है कि लोहे की तरह स्टील के कलपुर्जों की सप्लाई में भी प्राइस वैरिएशन का प्रविधान जोड़ा जाए, ताकि सप्लायरों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। हालांकि, RCF के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एवं सेक्रेटरी टू जीएम बलदेव राज का कहना है कि यह करार का हिस्सा है। करार के समय टेंडर में लिखा होता है, उसी हिसाब से भुगतान होता है।


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