बच्चों के लिए माता-पिता की सेवा ही सबसे उत्तम कर्म : चैतन्य किशोर
जालंधर के कष्ट निवारण श्री बाला जी मंदिर बाजार शेखां में जारी श्री रामचरित मानस पाठ के दौरान पंडित चैतन्य किशोर ने मानव जीवन में माता-पिता के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने भगवान श्री राम के वनवास का प्रसंग सुनाया।
जालंधर, जेएनएन। पंडित चैतन्य किशोर महाराज ने कहा कि माता-पिता की सेवा सबसे उत्तम कर्म है। माता-पिता ही बच्चों की तरक्की पर सबसे अधिक हर्षित होते हैं। धरती पर केवल यही एक सबसे निःस्वार्थ रिश्ता है। इस रिश्ते को निभाने में बच्चों की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। कष्ट निवारण श्री बाला जी मंदिर, बाजार शेखां, में जारी श्री रामचरित मानस पाठ के दौरान पंडित चैतन्य किशोर ने मानव जीवन में माता-पिता के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। पाठ का आगाज श्री गुरु वंदना के साथ किया गया, जिसमें विनय मदान, पुष्पा मदान, साहिल मदान, रीत मदान, माहिल मदान, कोमल मदान मुख्य यजमान के रूप में शामिल हुए।
पं. चैतन्य किशोर ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने पिता के वचन को पूरा करने के लिए 14 वर्ष तक वनवास काटा था। वास्तव में इस कार्य से उन्होंने समूची मानवता को पिता के प्रति पुत्र की जिम्मेदारी से अवगत करवाया है। इसके बाद कीर्तन मंडली ने प्रभु श्रीराम के भजनों के साथ सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंदिर कमेटी के संस्थापक व प्रधान रमन अरोड़ा व चेयरमैन राकेश जसूजा ने मंदिर कमेटी की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंदिर में शारीरिक दूरी व स्वच्छता नियमों को सख्ती के साथ लागू किया गया है। मंदिर कमेटी की तरफ से अतिथियों को सम्मानित किया गया।
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