शाहकोट के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया
शाहकोट के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व भक्तिभाव से मनाया गया।
संवाद सूत्र, शाहकोट
शाहकोट के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व भक्तिभाव से मनाया गया। डेरा बाबा मुरली दास शिव मंदिर नजदीक अनाज मंडी, शाहकोट, शिव मंदिर गांधी चौक, स्त्री सभा मंदिर गांधी चौक, काली माता मंदिर गांधी चौक, तालाब वाला मंदिर नवांकिला रोड, श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर मेन बाजार शाहकोट व माता रानी मंदिर भीड़ा बाजार को सजाया गया था।
शहर के सभी मंदिरों में रात 12 बजे तक भजन कीर्तन चलता रहा। रात्रि 12 बजे के बाद सभी मंदिरों में आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान अध्यक्ष नगर पंचायत शाहकोट सतीश रिहान, डेरा बाबा मुरली दास मंदिर कमेटी के चेयरमैन शिवनारायण गुप्ता, अध्यक्ष राजीव गुप्ता, उपाध्यक्ष रजिदर कुमार, उप चेयरमैन मिटू सिगला, खजांची जयपाल गुप्ता, उत्तम शर्मा उपसचिव, गौरव गुप्ता, संजीव गुप्ता, पूर्व पार्षद पवन पुरी, मास्टर रमन गुप्ता, अमृत लाल अग्रवाल काका, सुरिदर कुमार अग्रवाल, शिवांश मित्तल, पवन अग्रवाल पार्षद , दीपक गोयल, पंडित रजत शर्मा, योगेश शर्मा, राहुल अग्रवाल, अरुण गुप्ता, अभिषेक गुप्ता, पंडित बनवारी लाल, स्त्री सभा मंदिर से पंडित माधव राम शर्मा, काली माता मंदिर गांधी चौक से पंडित भगीरथ शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण की महिमा का गुणगान किया। डेरा बाबा मुरली दास जी शिव मंदिर की प्रबंधक कमेटी ने गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।
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मां बगलामुखी का हवन यज्ञ करवाया
जागरण संवाददाता, जालंधर
मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी, लम्मा पिड रोड के संस्थापक व संचालक नवजीत भारद्वाज ने कहा कि इंसान को बिना फल की इच्छा के कर्म करते रहना चाहिए। नेक कर्म करते रहने से ईश्वर अपने आप ही इंसान को फल देता है। संस्था की तरफ से वीरवार को आयोजित मां बगलामुखी हवन यज्ञ के दौरान नवजीत भारद्वाज ने इंसान को नैतिक जिम्मेदारियां पूरी करने का आह्वान किया। हवन यज्ञ का आगाज पंडित पिटू शर्मा तथा पंडित अविनाश गौतम द्वारा नवग्रह पूजन, श्री गौरी गणेश पूजन, कुंभ पूजन तथा पंचोंपचार के साथ किया गया।
इसके उपरांत नवजीत भारद्वाज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को जो उपदेश दिया, उसका अनुसरण करने से इंसान के भीतर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इस दौरान शारीरिक दूरी तथा स्वच्छता नियमों की पालना करने के लिए सेवादार तैनात किए गए थे। वही मां बगलामुखी की आरती पूजा के उपरांत समारोह का समापन किया गया।