कोरोना वायरस संकटः खेल उद्यमी बोले- केंद्र व राज्य सरकार इंडस्ट्री पर दे ध्यान
एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि आने वाले दिनों में इंडस्ट्री मुश्किल दौर में गुजरने वाली है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस संकट को लेकर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को पेश आने वाली समस्या व सुझाव देने संबंधी मांगपत्र स्पोर्टेक्स (स्पोर्ट्स एंड टॉय एक्सपोर्टर) एसोसिएशन के सदस्यों ने वीरवार को पीएम कार्यालय, राज्य के वित्त मंत्री, एमएसएमई के सचिव को भेजा। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि आने वाले दिनों में इंडस्ट्री मुश्किल दौर में गुजरने वाली है। स्कूल गेम्स, आइपीएल, फुटबॉल व कई टूर्नामेंट रद होने के कारण ग्राहक अपने ऑर्डर स्थगित या रद कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार व राज्य सरकार को खेल इंडस्ट्री की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। एसोसिएशन के सदस्यों ने कई सुझाव दिए हैं ताकि आने वाले दिनों में इंडस्ट्री जल्दी सर्वाइव करे।
सरकार को एक्सपोर्ट कैश-क्रेडिट लिमिट एक वर्ष के लिए तीस प्रतिशत बढ़ा देनी चाहिए। एक्सपोर्ट क्रेडिट, एक्सपोर्ट गारंटी कारपोरेशन की ओर से एक्सोर्ट होने वाले उत्पाद की इंश्योरेंस एक वर्ष के लिए फ्री की जानी चाहिए।
-आशीष आनंद, स्पोर्टेक्स के चेयरमैन
जीएसटी का रिफंड जल्द मिलना चाहिए। राज्य सरकार की ओर से लेबर को आर्थिक सहायता जल्द से जल्द मिले ताकि लेबर राज्य से पलायन न कर सकें। ग्राहकों ने कई ऑर्डर रद कर दिए हैं। रॉ मैटीरियल न आने की वजह से इंडस्ट्री का कारोबार ठप है।
-नितिन महाजन, स्पोर्टेक्स के ऑनरेरी सेक्रेटरी
पिछले दस दिन से इंडस्ट्री बंद पड़ी है। बिजली पर लगने वाली मिनिमम चार्जेस न लिए जाएं। प्रॉपर्टी टैक्स व वाटर टैक्स से छूट हो। सरकार को इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए नई स्कीमें लानी होंगी।
-अलकेश कोहली, स्पोर्टिक्स सिंडिकेट के एमडी
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