गोराया के एसटीएस स्कूल में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन, संत तरलोक सिंह जी के जीवन व उपलब्धियों के बारे में बताया
आज एसटीएस वर्ल्ड स्कूल राजगोमल में कक्षा आठवीं ए के छात्रों द्वारा संत तरलोक सिंह जी की 116वीं जयंती पर कक्षा प्रभारी श्रीमती मीना की देखरेख में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। मंच का संचालन अनामिका माही और गगनदीप कौर ने किया।
जागरण संवाददाता, गोरायाः आज एसटीएस वर्ल्ड स्कूल, राजगोमल में कक्षा आठवीं ए के छात्रों द्वारा संत तरलोक सिंह जी की 116वीं जयंती पर कक्षा प्रभारी श्रीमती मीना की देखरेख में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। मंच का संचालन अनामिका, माही और गगनदीप कौर ने किया।
दिशांत बांगर ने बटोरी सुर्खियां
छात्रों द्वारा पवित्र वातावरण बनाने के लिए "जो मगे ठाकुर आपके ते ओ" शब्द गाए गए। जिसके बाद कंचन राज ने एक शानदार विचार पेश किया। नया शब्द 'प्रेरणा' हरनीत कौर द्वारा साझा किया गया था। दिशांत बांगर ने सुर्खियां बटोरी। बैठक का समापन जीवनदीप कौर, तरणप्रीत कौर, अनूप कौर, गुरवीर सिंह और हरजोत सिंह द्वारा प्रस्तुत एक अधिनियम के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने छात्रों को संत तरलोक सिंह जी के जीवन और उपलब्धियों के बारे में बताया। यह एक आध्यात्मिक सुबह थी जहां छात्रों को संत जी के जीवन के बारे में जानने का मौका मिला।
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बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा
यह सारी सभा एसडीजी गोल नंबर-5 (लैंगिक समानता), 8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास), 10 (गुणवत्ता में कमी) से संबंधित थी। इससे हमें पता चलता है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में अच्छे काम करने और एक दूसरे क साथ धर्म, जाति, रंग के भेदभाव को त्यागकर और ईश्वर के रहस्यों को जानकर बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा दी। अंत में प्रधानाचार्य प्रभजोत गिल ने भी विद्यार्थियों को संत जी की विचारधारा के पदचिन्हों पर चलने के लिए मार्गदर्शन किया।
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एसटीएस के स्टाफ सदस्यों ने 'मैनेजिंग स्ट्रेस एंड बूस्टिंग प्रोडक्टिविटी' कार्यशाला 'में भाग लिया
एसटीएस वर्ल्ड स्कूल के स्टाफ सदस्यों ने कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला 'मैनेजिंग स्ट्रेस एंड बूस्टिंग प्रोडक्टिविटी' में भाग लिया। रिसोर्स पर्सन आकृति, साक्षी, सुखविंदर कौर और कुलबीर कौर नामक 4 शिक्षक थे। उन्होने 'तनाव प्रबंधन और उत्पादकता बढ़ाने' पर एक सत्र दिया और उन्हें तनाव (व्यावसायिक या व्यक्तिगत) के प्रबंधन के महत्व के प्रति निर्देशित किया, ताकि तनाव को संभाला जा सके और उनकी उत्पादकता बढ़ाई जा सके। यह एक अद्भुत दर्शक था जो सक्रिय प्रतिभागी थे और पूरी तरह से इंटरैक्टिव सत्र में शामिल थे। इस कार्यशाला ने शिक्षकों को जीवन को शांति से संभालने और हर पल का आनंद लेने के लिए एक अंतर्दृष्टि दी। उन्हें तनाव और चिंता से निपटने के तरीके के बारे में बताया गया।
हर कोई अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में सभी उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए एक हल्के दिल की भावना और अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की इच्छा के साथ आया। इसके इलावा उन्होंने अलग-अलग तरह की गतिविधियां भी करवाई गई। प्रधानाचार्य प्रभजोत कौर गिल ने इस प्रेरणादायक कार्य की प्रशंसा की और सभी स्टाफ सदस्यों को ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी स्टाफ सदस्यों को अपने जीवन में समय प्रबंधन बनने के लिए प्रेरित किया।