जालंधर में एयरबस और बोइंग के विमानों की लैंडिंग का रास्ता साफ, चौड़ा होगा आदमपुर एयरपोर्ट का टैक्सी ट्रैक
आदमपुर एयरपोर्ट के एपरन को रनवे से जोड़ने वाले टैक्सी ट्रैक को चौड़ा करने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है। टैक्सी ट्रैक का निर्माण एयरफोर्स स्टेशन ...और पढ़ें

मनुपाल शर्मा, जालंधर। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द आदमपुर के सिविल एयरपोर्ट पर एयरबस और बोइंग के बड़े विमानों की लैंडिंग होती दिखेगी। इसके लिए जरूरी टैक्सी ट्रैक को चौड़ा करने की अनुमति दे दी गई है। बता दें कि निर्माण कार्य कंप्लीट करने के लिए निर्धारित लक्ष्य से लगभग दो वर्ष पिछड़ चुके आदमपुर सिविल एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है। आदमपुर एयरपोर्ट के एपरन को रनवे से जोड़ने वाले टैक्सी ट्रैक को चौड़ा करने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है। टैक्सी ट्रैक का निर्माण एयरफोर्स स्टेशन के अंदर स्थित रनवे से शुरू होगा और एयरफोर्स के अधिकार क्षेत्र के बाहर बन रहे एपरन तक जाएगा।
वर्ष 2019 में आदमपुर सिविल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का निर्माण शुरू किया गया था, जिसे मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। हालांकि अभी तक भी नए टर्मिनल का निर्माण कार्य कंप्लीशन से खासा दूर ही है। नए बनाए जा रहे टर्मिनल के एपरन पर दो बोइंग या एयरबस किस्म के बड़े विमान खड़े करने की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही है। इन बड़े आकार वाले विमानों को रनवे से एपरन तक लाने के लिए एक चौड़े टैक्सी ट्रैक की जरूरत थी। टैक्सी ट्रैक का निर्माण एयरपोर्ट स्टेशन के अंदर से किया जाना है। इस वजह से रक्षा मंत्रालय एवं भारतीय वायु सेना से इसकी अनुमति मिलनी जरूरी थी।
एयरफोर्स स्टेशन की बाउंड्री वाल को गिराया जाएगा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक टैक्सी ट्रैक को चौड़ा करने के लिए एयरफोर्स स्टेशन की बाउंड्री वाल को गिराया जाएगा। हालांकि टैक्सी ट्रैक को चौड़ा करने के बाद फिर से गेट लगा दिया जाएगा, जिसे विमानों के आवागमन के समय खोला जाएगा। हालांकि अभी भी नए टर्मिनल का निर्माण पूरो होने को लेकर कुछ साफ नहीं है।
मौजूदा समय में सिविल एयरपोर्ट आदमपुर का अलग से कोई एपरन नहीं है और 78 सीटों की क्षमता वाले बंबारडियर विमान को रनवे से सटे टैक्सी ट्रैक की बगल में खड़ा किया जाता है।

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