श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की राह में रोड़ा बनेंगी खस्ताहाल सड़कें
दो दिन बाद लगने वाले विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले से पहले सोढल मंदिर को जाते मागरें की अधिकतर सड़कें खस्ता हालत में है। सड़कों पर पड़े गढ्डे व जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर कई तरह की परेशानियों को दावत दे रहे हैं।
शाम सहगल, जालंधर : एक तरफ शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जद्दोजहद चल रही है। वहीं दो दिन बाद लगने वाले विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले से पहले सोढल मंदिर को जाते मागरें की अधिकतर सड़कें खस्ता हालत में है। सड़कों पर पड़े गढ्डे व जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर कई तरह की परेशानियों को दावत दे रहे हैं। बुधवार को निगम टीम ने पैचवर्क करवाने की औपचारिकता पूरी की।
श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले को लेकर जहा मंदिर में सक्त्रिय विभिन्न संस्थाओं ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, वहीं निगम प्रशासन की तैयारिया न के बराबर है। सोढल मेला 23 सितंबर से शुरू हो रहा है। श्रद्धालु तीन पहले से ही यहा आने शुरू हो जाते हैं। मंदिर को जाते सोढल रोड, चंदन नगर, राम नगर रोड, दोआबा चौक, सईपुर रोड, इंडस्ट्रीयल एरिया में कई जगहों पर सड़कों का बुरा हाल है। कई जगह तो इतने गढ्डे हैं कि सड़क कहीं-कहीं नजर आती है। ऐसे में अगर जरा सी भी बारिश हो जाए तो गढ्डों में काफी समय तक पानी भरा रहता है जो श्रद्धालुओं के साथ इलाके के दुकानदारों के लिए भी परेशानी का सबब बनता है। मंदिर को जाते तमाम मागरें की हालत खराब
पूर्व विधायक केडी भंडारी बताते हैं कि पिछले 10 सालों के दौरान मेले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ मेले में सेवाएं देने वाली कमेटियों के प्रतिनिधियों से बैठक करके जरूरतें पूरी की जाती रही है जबकि, इस बार मेले को लेकर इंतजाम न के बराबर है। इसे लेकर न तो विधायक गंभीर है व न ही मेयर ने मेले की गंभीरता को समझा है। निगम ने पूरी की औपचारिकता
बुधवार को सड़कों की खस्ता हालत संबंधी सूचना मिलने के बाद निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने बीएंडआर विभाग के एसई अश्वनी चौधरी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सोढल को जाने वाली सड़कों का जायजा लिया। बता दें कि मेले को 2 दिन ही बचे हैं। अधिकारियों ने केवल पैटवर्क से काम चलाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन हालात यह हैं कि सड़कों के नवनिर्माण की जरूरत है। गौरतलब है कि आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे नगर निगम द्वारा सड़कों के निर्माण के टेंडर तो लगाए गए थे लेकिन किसी भी ठेकेदार ने टेंडर को लेकर आवेदन नहीं किया। ठेकेदारों का दावा है कि 30 करोड़ से अधिक राशि बकाया है, जो निगम अदा नहीं कर रहा।