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स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाने काम अधर में लटका, रिचार्ज कूपन करते ही बिजली होनी थी सुचारु

पावरकॉम द्वारा लगाए जाने वाले प्रीपेड मीटर का प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में ही लटका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 07:16 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 07:16 AM (IST)
स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाने काम अधर में लटका, रिचार्ज कूपन करते ही बिजली होनी थी सुचारु
स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाने काम अधर में लटका, रिचार्ज कूपन करते ही बिजली होनी थी सुचारु

जागरण संवाददाता, जालंधर : पावरकॉम द्वारा लगाए जाने वाले प्रीपेड मीटर का प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में ही लटका है। जालंधर सर्किल में किसी भी डिवीजन को प्रीपेड मीटर नहीं भेजे गए हैं। दरअसल, पावरकॉम ने 96 हजार स्मार्ट मीटरों के साथ ही पहले दस हजार मीटर खरीदने के लिए टेंडर लगाए थे, लेकिन अभी तक मीटरों की खरीदारी तक नहीं शुरू हुई है।

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पावरकॉम द्वारा लगाए जाने वाले प्रीपेड मीटरों में मोबाइल फोन की तरह ही की-बोर्ड होगा। पावरकॉम कार्यालय से ही रिचार्ज कूपन मिलेगा। मीटर में कूपन का नंबर भरकर बिजली शुरू हो जाएगा। पावरकॉम ने अभी सरकारी विभागों से 200 करोड़ से अधिक की राशि लेनी है। पावरकॉम पहले सरकारी विभागों में ही ये मीटर लगवाना चाहता है, ताकि उनसे एडवांस लेकर ही बिजली दी जा सके।

प्रीपेड मीटर की खासियत

- कूपन से रिचार्ज करते ही घर की बिजली सुचारु हो जाएगी।

- रिचार्ज अवधि समाप्त होने से दो पहले ही मीटर आवाज करना शुरू कर देगा।

- रिचार्ज खत्म होने पर रात में नहीं बंद होगी बिजली,

- अधिक लोड बढ़ने पर मीटर ट्रिप हो जाएगा।

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प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना अभी प्रोसेस में है। स्मार्ट मीटर के टेंडर लग चुके है। हेड ऑफिस पटियाला से कब मीटर जालंधर पहुंचेंगे, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है। इसी सबसे पहले सरकारी विभागों में लगाया जाएगा।

- जैनइंद्र दानिया, नॉर्थ डिवीजन के चीफ इंजीनियर

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पावरकॉम ने गांव रंधावा मसंदा की पानी टंकी का कनेक्शन काटा

जागरण संवाददाता, जालंधर : गांव रंधावा मसंदा में पानी की टंकी का बिजली कनेक्शन पावरकॉम ने मंगलवार को काट दिया। टंकी का 3.50 लाख रुपये बिजली का बिल बकाया था। कनेक्शन काटे जाने पर लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा। लोगों को पानी की सप्लाई न मिलने से काफी परेशानी हुई। पावरकॉम के एसडीओ मदन लाल ने कहा कि पंचायत को पहले बिल का पचास प्रतिशत जमा करवाना होगा। बाकि शेष राशि का भुगतान पंचायत किस्तों में जमा करवा सकती है।


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