Move to Jagran APP

घोटाला : स्मार्ट चिप के मुलाजिम ने एसडीएम ऑफिस से जारी कर दिया लर्निग डीएल

मामला नकोदर एसडीएम ऑफिस से जारी कॉमर्शियल लाइट वाहन के लर्निग ड्राइ¨वग लाइसेंस का है जिसे एसडीएम ऑफिस जारी ही नहीं कर सकता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 02:37 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 02:37 PM (IST)
घोटाला : स्मार्ट चिप के मुलाजिम ने एसडीएम ऑफिस से जारी कर दिया लर्निग डीएल
घोटाला : स्मार्ट चिप के मुलाजिम ने एसडीएम ऑफिस से जारी कर दिया लर्निग डीएल

सत्येन ओझा, जालंधर : ट्रांसपोर्ट विभाग में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला नकोदर एसडीएम ऑफिस से जारी कॉमर्शियल लाइट वाहन के लर्निग ड्राइ¨वग लाइसेंस का है जिसे एसडीएम ऑफिस जारी ही नहीं कर सकता है। ये लाइसेंस परमानेंट में तब्दील करने के लिए आरटीए ऑफिस में जून में आया था। इतने बड़े घोटाले का सबूत सामने आने के बाद आरटीए के मुलाजिमों ने सारा घपलेबाजी पकड़वाने के बजाय संबंधित व्यक्ति को आसानी से मौके से जाने दिया। ये स्थिति तब है कि जब पिछले दो सालों में लगभग 40 करोड़ से ज्यादा के हैवी ड्राइ¨वग लाइसेंस, आरसी घोटाले जैसे कई संगीन मामलों का पर्दाफाश हो चुका है। नकोदर एसडीएम ऑफिस से इसी साल 10 अप्रैल को ड्राइ¨वग लाइसेंस एलएमवी (टीआर, गुड्स) लाइसेंस नंबर पीबी-33-0000769-2018 जारी हुआ। ये लाइसेंस मलसियां निवासी लवप्रीत ¨सह के नाम पर है। कॉमर्शियल वाहनों के लाइसेंस जारी करने का अधिकार रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस को ही है। शाहकोट, मलसियां, कपूरथला, फगवाड़ा में सिर्फ दोपहिया व चार पहिया (नॉन कॉमर्शियल) वाहनों के लाइसेंस ही जारी हो सकते हैं। लाइट मोटर व्हीकल (गुड्स) के लाइसेंस सिर्फ सचिव आरटीए के हस्ताक्षर से ही जारी हो सकते हैं। नकोदर से हुए फर्जीवाड़े के बाद 22 जुलाई को लाइसेंस बनवाने वाला सचिव आरटीए ऑफिस में परमानेंट लाइसेंस बनवाने पहुंचा। सूत्रों का कहना है कि सचिव आरटीए के जिस मुलाजिम के पास लवप्रीत पहुंचा, उसने पता किया तो जानकारी मिली कि लाइसेंस जारी करने में अहम भूमिका निभाने वाला स्मार्ट चिप कंपनी से संबंधित ही एक मुलाजिम है। ऐसे में इतना बड़ा भ्रष्टाचार का सबूत सामने होने के बावजूद उसे पकड़वाने के बजाय ये कहकर वहां से वापस कर दिया कि लाइसेंस सही नहीं है। उसे एलएमवी (टीआर) का लाइसेंस दोबारा आरटीए से बनवाना होगा। कार्रवाई करने के बजाय मामला दबा देता है विभाग

loksabha election banner

केस1 : ंवर्ष 2016 में डीटीओ आरपी ¨सह के कार्यकाल में 40 करोड़ से ज्यादा का हैवी ड्राइ¨वग लाइसेंस घोटाला सामने आया था। मई से जुलाई तक तीन महीने में सैकडों हैवी ड्राइ¨वग लाइसेंस फर्जी डॉक्यूमेंट से जारी कर दिए गए थे। प्रारंभिक जांच में 172 हैवी ड्राइ¨वग लाइसेंस फर्जी डॉक्यूमेंट से बनने की पुष्टि हुई थी। तब स्मार्ट चिप कंपनी के इंचार्ज समेत छह मुलाजिमों की संलिप्तता पाई गई थी पर कार्रवाई के बजाय उन्हें बड़े पद दिए गए।

केस-2 : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला की इनोवा को आरटीए से रजिस्ट्रेशन संख्या-पीबी08-एएफ 0024 जारी कर दिया गया था। ये नंबर पहले सुखदेव ¨सह निवासी मुंध (नकोदर) की आइकॉन कार को जारी था। केस-3 : भोलू शाह ग्रुप (गुजरांवाला ज्वैलर्स) के नाम पर 7 अप्रैल 2017 को नई आरसी की फीस के रूप में 25 हजार रुपये की रसीद काटी गई थी। पुराने नं.पीसीयू-0027 नंबर की आरसी तत्कालीन एडीटीओ प्यारा ¨सह के हस्ताक्षर से जारी की गई। उस समय डीटीओ का चार्ज तत्कालीन एडीसी रहे गुरमीत ¨सह मुल्तानी के हाथ में था। रसीद आरटीए के मुलाजिम मोहित हुरिया ने काटी थी। वर्तमान में इस नंबर की आरसी आरटीए के रिकार्ड में मौजूद ही नहीं है।

केस-4

दिल्ली के नंबर की 30 नवंबर 2009 मॉडल की एक बीएमडब्ल्यू कार को जालंधर आरटीए का नंबर जारी करने के लिए गाड़ी मालिक से दो लाख रुपये वसूले गए। आरटीए में दर्ज रिकार्ड के अनुसार पहले इस गाड़ी के टैक्स की रसीद 1,26,015 रुपये की 30 अगस्त 2017 को ऑफिस समय बाद 6 बजकर 11 मिनट पर काटी गई। पांच हजार रुपये की दूसरी रसीद 1 सितंबर 2017 को काटकर गाड़ी को जालंधर आरटीए के नंबर पीबी-08 डीसी-1500 जारी कर दिया गया। उस समय गाड़ी का मॉडल बीएमडब्ल्यू थ्री सीरीज (तब का टॉप मॉडल) रिकार्ड में दर्ज किया गया। दैनिक जागरण ने इस घपले का खुलासा किया तो आरटीए मुलाजिमों ने बीएमडब्ल्यू के थ्री सीरीज मॉडल को सामान्य बीएमडब्ल्यू में रिकार्ड में बदल दिया। वहीं, 15 नवंबर 2017 को 56820 रुपये की एक और टैक्स रसीद काटकर नई आरसी ¨प्रट कर दी ताकि ये साबित किया जा सके कि पूरी फीस वसूल कर ही आरसी जारी की गई है। आरटीए के ऑनलाइन रिकार्ड में ये पूरी हेराफेरी दर्ज हो गई। हैरानी की बात है कि इन घोटालों को अंजाम देने में जिन मुलाजिमों के नाम सामने आए हैं, वे आज भी निजी का¨रदे या स्मार्ट चिप कंपनी के मुलाजिम के रूप में काम कर रहे हैं।

मामला मेरी जानकारी में आ गया है। ये गंभीर मामला है, इसमें लाइसेंस बनाने वाले व बनवाने वाले, दोनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उसे विभाग से निकाला भी जाएगा। लाइसेंस रद करने के लिए उच्चाधिकारियों से मंजूरी मांगी गई है।

-राजीव शर्मा, एसडीएम नकोदर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.