वोटर सूची का कमाल, इस राज्य की Voter list में छह मतदाताओं की उम्र 265 साल
यकीन करना नामुमकिन है लेकिन चुनाव आयोग की वोटर सूची को सही मानें तो पंजाब में छह वोटर ऐसे हैं जिनकी उम्र 265 साल है।
जालंधर [मनीष शर्मा]। यकीन करना नामुमकिन है, लेकिन चुनाव आयोग की वोटर सूची को सही मानें तो पंजाब में छह वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र 265 साल है। कुछ 247 तो कुछ 242 साल के भी हैं। हैरत की बात यह है कि आयोग के अनुसार ये सब ङ्क्षजदा हैं और इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को होने वाले मतदान में भी हिस्सा लेंगे। विश्व बैंक के हिसाब से भारत में मौजूदा वक्त में इंसान की औसतन उम्र लगभग साढ़े 68 साल है। वहीं इतनी बड़ी उम्र के वोटरों के ङ्क्षजदा होने का दावा करिश्मे से कम नहीं लगता। दैनिक जागरण ने वोटर सूची के इस दावे की पड़ताल की तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई। इसे चुनाव अधिकारी अब क्लेरीकल मिस्टेक बता रहे हैं।
मुख्य चुनाव अधिकारी बोले, डेटा फीड करते वक्त हुई गलती
पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू ने कहा कि ऐसा संभवत: डेटा फीड करते वक्त गलती से हुआ है। इसकी घर-घर जाकर वेरीफिकेशन कराई जाएगी।
ये हैं वोटर
- जसजीत कौर: डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर)- 265 साल
- अश्विनी कुमार: गिल (लुधियाना)- 265 साल
- बलकरन सिंह: फिरोजपुर रूरल- 265 साल
- चरणजीत कालरा: भुच्चो मंडी (बठिंडा)- 265 साल
- त्रिलोक सिंह: बठिंडा शहरी- 265 साल
- प्रदीप सिंह: सुनाम (संगरूर)- 265 साल
- विद्या सागर: फाजिल्का- 247 साल
- लखविंदर सिंह: गुरु हरसहाय (फिरोजपुर)- 246 साल
- तरसेम सिंह: बठिंडा शहरी- 245 साल
- बलजीत कौर मान: बठिंडा शहरी- 242 साल
117 हलकों में सौ से ज्यादा उम्र के 5917 वोटरों पर सवाल
पंजाब स्टेट ई-गवर्नेंस सोसाइटी ने सभी जिलों के चुनाव तहसीलदारों को लिस्टें भेजी हैं। इनमें 117 विधानसभा क्षेत्रों में सौ साल से ज्यादा उम्र के 5917 वोटर बताए गए हैं। उन्हें बताया गया है कि वो अपने स्तर पर इनका ब्योरा जुटा लें, ताकि मतदान के दिन इनके लिए व्यवस्था की जा सके। इसमें सैकड़ों ऐसे वोटर हैं, जिनकी उम्र 118 व 119 साल की बताई गई है। अब इतनी बड़ी गड़बड़ी उजागर होने के बाद यह पूरी लिस्ट ही सवालों के घेरे में आ गई है।
किसी ने नहीं दिया ध्यान, करते रहे मतदान
मजे की बात यह है कि वोटर सूची में संशोधन के इतने गंभीर मामले में अभी तक यह वोटर पिछले चुनाव में वोट देते रहे। इसके बावजूद किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। पहले बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) वोट बनाने के बाद उसे कंप्यूटर में फीड करा देते थे, लेकिन इस बार भारतीय चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अफसर (ईआरओ) नेट सॉफ्टवेयर में वोटर सूची को फीड कराया। उसी सॉफ्टवेयर से जब सौ साल से ज्यादा उम्र के वोटरों की सूची निकाली गई तो यह वोटर सामने आए।