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जालंधर जिला कांग्रेस प्रेसीडेंट के लिए 3 कैटेगरी में छह नाम, शहरी प्रधान को लेकर फंसा पेंच

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नवजोत सिंह सिद्धू की नियुक्ति के बाद से ही आस थी कि जिला प्रधानों की नियुक्ति जल्द होगी लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चली लड़ाई में इसमें देरी हो गई।

By Edited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 10:16 AM (IST)
जालंधर जिला कांग्रेस प्रेसीडेंट के लिए 3 कैटेगरी में छह नाम, शहरी प्रधान को लेकर फंसा पेंच
जालंधर इकाई के अध्यक्ष पद को लेकर लाबिंग जारी है। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। जिला कांग्रेस कमेटी जालंधर शहरी समेत सभी जिलों के प्रधानों की नियुक्ति की घोषणा अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। पंजाब कांग्रेस ने सूची केंद्रीय हाईकमान को भेजी हुई है। वहां ज्यादातर जिलों के लिए नाम तय कर लिए गए हैं। जालंधर शहरी इकाई के अध्यक्ष पद पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। करीब पौने दो साल पहले सभी जिलों की इकाइयां भंग कर दी गई थीं, लेकिन अब तक नए प्रधानों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इतने समय से कांग्रेस बिना प्रधानों के ही काम कर रही है, जिस कारण वर्कर भी हतोत्साहित हैं।

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पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नवजोत सिंह सिद्धू की नियुक्ति के बाद से ही आस थी कि जिला प्रधानों की नियुक्ति जल्द होगी, लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चली लड़ाई में इसमें देरी हो गई। जालंधर इकाई के अध्यक्ष पद को लेकर लाबिंग जारी है। हाईकमान के लिए यह निर्णय करना कठिन हो रहा है कि किस कैटेगरी से प्रधान नियुक्त किया जाए। जालंधर शहरी इकाई के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए केंद्रीय हाईकमान को तीन पैनल भेजे गए हैं। हर पैनल में दो-दो नाम तय किए गए हैं। इनमें से ही एक नाम पर मुहर लगनी है।

हिंदू कैटेगरी से युवा नेता मनोज मनु और दिनेश ढल्ल का नाम भेजा गया है। बैकवर्ड कैटेगरी से हरजिंदर सिंह लाडा और गुरनाम सिंह मुल्तानी के नाम हैं तो शहरी सिख के तौर पर मेजर सिंह और काकू आहलुवालिया के नाम पैनल में शामिल किए गए हैं। हरजिंदर लाडा का नाम मजबूत माना जा रहा है, लेकिन केंद्रीय हाईकमान के लिए यह दुविधा हो रही है कि लाडा को शहरी सिख माना जाए या बीसी कैटेगरी के प्रतिनिधि के रूप देखा जाए। इसे लेकर भी काफी खींचतान है। चुनावों के कारण जातिगत समीकरणों पर फोकस किया जा रहा है। किसी भी कैटेगरी को नाराज नहीं करने की रणनीति पर काम चल रहा है।

कई साल बाद मोहिंदर सिंह केपी के घर पहुंचे मेयर

सत्ता में बदलाव से राजनीतिज्ञों का रूतबा भी बदल जाता है। चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम बनने के साथ पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी के दिन भी बदल गए हैं। केपी कई साल से हाशिए पर चल रहे थे, लेकिन करीबी रिश्तेदार चन्नी के सीएम बनते ही नेता अब उनके नजदीक जुटने लगे हैं। मेयर जगदीश राजा कई साल बाद केपी के घर गए। पीटीयू में सीएम का कार्यक्रम था और मेयर अपने साथी पार्षदों के साथ सीधा कार्यक्रम में जाने के बजाय पहले मोहिंदर सिंह केपी के माडल टाउन स्थित घर गए। उसके बाद सभी एक साथ कपूरथला में पीटीयू के लिए रवाना हुए।


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