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गुड़ नालों इश्क मिट्ठा, 38 साल बाद फिर घोल रहा कानों में मिठास

हनी सिंह के रैप के साथ नए रूप में लाच हुआ मलकीत सिंह का 38 साल पुराना गीत गुड़ नालों इश्क मिट्ठा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 09:38 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 09:38 PM (IST)
गुड़ नालों इश्क मिट्ठा,  38 साल बाद फिर घोल रहा कानों में मिठास
गुड़ नालों इश्क मिट्ठा, 38 साल बाद फिर घोल रहा कानों में मिठास

जागरण संवाददाता, जालंधर

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तूतक, तूतक तूतिया, हई जमालो..<स्हृद्द-क्तञ्जस्> हो या गुड़ नालों इश्क मिट्ठा, हो इन गीतों ने मलकीत सिंह को करीब चार दशक से देश-विदेश में लोकप्रियता दिलायी है। इंडी-पॉप को विश्व पटल पर पेश करने वाले भारतीयों में सबसे आगे रहे मलकीत सिंह इन दिनों फिर चर्चा में हैं। कारण है हनी सिंह के रैप के साथ नए रूप में लाच हुआ उनका 38 साल पुराना गीत गुड़ नालों इश्क मिट्ठा। इसी गीत की प्रमोशन के लिए दैनिक जागऱण के कार्यालय में पहुंचे मलकीत सिंह ने बताया कि जालंधर के खालसा कॉलेज में पढ़ते हुए 1981 में उन्होंने गाया था। इसी गीत के कारण वह कॉलेज में काफी लोकप्रिय भी हो गए थे। इंग्लैंड जाकर अपने करियर का सफर भी उन्होंने इसी गीत से शुरू किया था क्योंकि यही वह गीत था जिसे सबसे पहले उन्होंने रिकार्ड करवाया और देखते ही देखते यह विदेश में भी हिट हो गया था। उस वक्त इसे केवल तुंबी, ढोल तथा हारमोनियम पर संगीत देते हुए पूरी तरह लोक गीत के रूप में गाया गया था। उन्होंने बताया कि बल्ली सग्गू का भी पहला रीमिक्स गीत यही था। बाद में सन्नी देयोल की किसी फिल्म में किसी अन्य गायक द्वारा इसे गवाया गया लेकिन तब भी लोगों ने इसे मेरा ही गीत समझा। अब हनी सिंह के साथ नई पीढ़ी के पसंदीदा रैप के साथ इसे पेश किया गया है। मैंने हमेशा लोक गायकी को तव्वजो दी है। इसीलिए इसमें हनी सिंह भी आपको पंजाबी पहरावे में नजर आएंगे। संगीत के साथ नए-नए प्रयोग करना मुझे पसंद है और इसी कारण इस पुराने गीत को नए क्लेवर में प्रस्तुत किया है।

दुनिया के 72 देशों में लाइव शोज़ करने का गिनीज बुक रिकार्ड बना चुके मलकीत सिंह का कहना है कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती। मैं जहा भी जाता हूं लोग मुझे मेरी वेशभूशा के कारण प्रेम देते हैं। भारतीय होने पर मुझे मान है और पगड़ी मेरी शान है। हमेशा पगड़ीधारी सिख के रूप में हर परफोमर्ेंस दी है। इसी रूप में मुझे लोगों ने प्यार दिया है। कई बार पगड़ी के कारण मुश्किलें भी आईं, लेकिन धर्म के बारे में प्यार से समझाने पर किसी ने विरोध नहीं किया बल्कि सम्मान ही दिया है

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