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मान बोले- इमरान ने तीन दिन में अभिनंदन को छोड़ा पर सरकार 25 वर्ष से जेल में बंद सिख नहीं रिहा कर पाई

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने कहा है कि लोगों से किए गए वादे न पूरे किए जाने के चलते ही देश में युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 02:52 PM (IST)
मान बोले- इमरान ने तीन दिन में अभिनंदन को छोड़ा पर सरकार 25 वर्ष से जेल में बंद सिख नहीं रिहा कर पाई
मान बोले- इमरान ने तीन दिन में अभिनंदन को छोड़ा पर सरकार 25 वर्ष से जेल में बंद सिख नहीं रिहा कर पाई

जागरण संवाददाता, जालंधर। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तीन दिन के भीतर विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा कर दिया लेकिन भारत सरकार पिछले 25 वर्ष से देश की की विभिन्न जेलों में बंद सिखों को रिहा नहीं कर पाई है। मान ने कहा है कि लोगों से किए गए वादे न पूरे किए जाने के चलते ही देश में युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं।

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सिमरनजीत सिंह मान मंगलवार को पंजाब प्रेस क्लब में मीडिया के मुखातिब थे। सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पाकिस्तान से बदला लेने एवं कड़ा जवाब देने की बात करते हुए मोदी सरकार की हिमायत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह सोच लेना चाहिए कि जब मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला लिया तो केबिनेट कमेटी आफ सिक्योरिटी की बैठक में तो उन्हें बुलाया ही नहीं गया।

उन्होंने पाकिस्तान के भीतर जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने को भी गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले की जांच किए बिना ही किसी को जिम्मेदार ठहरा देना और उसके खिलाफ कार्रवाई करना गलत है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या पाकिस्तान की मदद के बिना हो सकती है, तो पुलवामा में हुआ हमला भी कश्मीर के भीतर से ही हो सकता है।

सिमरनजीत सिंह मान ने पंजाब में  अकाली-भाजपा एवं कांग्रेस के भ्रष्टाचार में लिप्त हुए जाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि पूर्व शिअद-भाजपा हुकूमत के दौरान 2014 में कोटला प्रोजेक्ट के तहत जमीदारों के खाल पक्के करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 900 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। इसमें 10 फीसद हिस्सेदारी के तौर पर जमीदारों की तरफ से 100 करोड़ रुपये ट्यूबवेल कारपोरेशन कार्यालयों में जमा करवाए गए थे।

जिला संगरूर, बरनाला, बठिंडा एवं मानसा जिलों के जमीदारों को नए खाल बनाने एवं पुराने खालों की मरम्मत के समय घटिया किस्म की इंटे, बजरी, रेत और फर्जी कंपनियां बनाकर निम्न स्तर का सीमेंट प्रयोग किया गया। लेवलिंग भी सही नहीं की गई। इस वजह से खाल बनने से पहले ही टूट गए। इसके खिलाफ पार्टी के नेता गुरसेवक सिंह जवाहरके और कुछ जमीदारों ने आवाज उठाई तो विजिलेंस विभाग की तरफ से इसकी पड़ताल की गई। दो एक्सईएन सुरेश गोयल एवं केके सिंगला रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए। चार करोड़ 85 लाख रुपए नगद एवं 109 एफडी मिलीं। सुरेश गोयल के लॉकर में से 70 लाख रुपए नकद, सोने हीरे एवं कीमती ज्वेलरी बरामद की गई। हालांकि उस वक्त केंद्र की तरफ से नोटबंदी की गई थी।

बावजूद इसके हैरानी है कि विजिलेंस विभाग ने इन दोनों के खिलाफ अदालत में चालान पेश नहीं किए और दोनों अदालत से जमानत लेने में सफल हो गए। यहां तक कि मुख्य दोषी एक्सईएन केके सिंगला को तरक्की देकर एसई पदोन्नत कर दिया गया। सिमरनजीत सिंह मान ने मांग की कि इस घपले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और जमींदारों से वसूले गए 100 करोड़ तुरंत उन्हें वापस किए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) पार्टी इसे चुनाव में मुद्दा बनाकर कांग्रेस एवं बादल की मिलीभगत के सुबूत के तौर पर लोगों की कचहरी में पेश करेगी।

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