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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सलाह, समय को देखते हुए लाइसेंसी हथियार रखे हर सिख

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने श्री गुरु हरगोबिंद साहिब के गुरु गद्दी दिवस पर संगत को बधाई दी। इस दौरान एक वीडियो संदेश भी जारी किया है। इसमें सिखों को लाइसेंसी हथियार रखने के लिए कहा है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 01:52 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 01:52 PM (IST)
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सलाह, समय को देखते हुए लाइसेंसी हथियार रखे हर सिख
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने श्री गुरु हरगोबिंद साहिब के गुरु गद्दी दिवस पर संगत को बधाई दी।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मीरी पीरी दे मालिक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब के गुरु गद्दी दिवस पर सिख संगत को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सभी सिखों को गतका विद्या सीखनी चाहिए क्योंकि यह हमारी विरासत है। विरासत को संभालना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज युग बदल गया है। इसलिए सिखों को मौजूदा हथियार रखने चाहिए। इसके लिए लाइसेंस भी लेने चाहिए।

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ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस मामले को लेकर एक वीडियो भी जारी की है जिससे सिख पंथ में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। अपनी वीडियो में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख बच्चों को तलवारबाजी, निशानेबाजी व गत्तका की भी ट्रेनिंग लेने का आह्वान किया है। परंतु आजकल के हथियारों के लाइसेंस लेने का बयान देखकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अकाल तख्त के जत्थेदार के बयान ने शुरू की इस बहस को लेकर नए समीकरण बनाने शुरू कर दिए हैं।

वीडियो संदेश में उन्होंने नशे से दूर रहने का भी संदेश दिया है। ज्ञानी हरप्रीत ने कहा कि नशा घरों को तबाह कर रहा है। नशे से दूर रहने के लिए हम सभी गुरबाणी की तरफ झुकें व गरुओं को याद करें।

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पांवटा साहिब साका की याद में एसजीपीसी ने करवाया समागम

अमृतसर। गुरुद्वारा पांवटा साहिब के प्रबंध महंतों से छुड़वाने के दौरान हुए साके में शहीद हुए सिंहों की याद में एसजीपीसी ने गुरमति कार्यक्रम आयोजित किया। गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हाल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी भी शामिल हुए। श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद हरिमंदिर साहिब के हजूर रागी सतनाम सिंह कुहाड़का ने गुरबाणी कीर्तन किया। हुकमनामा श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरमिंदर सिंह की ओर से श्रवण करवाया गया। एडवोकेट धामी ने कहा कि देश की आजादी से पहले गुरुद्वारों को महंतों से आजाद करवाने के दौरान कई साके हुए। इसमें पांवटा साहिब का भी एतिहासिक साका है। गुरुद्वारा साहिब को आजाद करवाने में तरना दल के 11 सिंह शहीद हो गए थे। 


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