सिविल अस्पताल में नर्सिंग छात्राओं के सहारे डेंगू और वायरल के मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा Jalandhar News
सिविल अस्पताल के नर्सिंग स्कूल की 95 तथा अन्य निजी नर्सिंग स्कूलों से 150 के करीब छात्राएं इंटरनशिप व पढ़ाई के साथ सिविल अस्पताल में मरीजों का ईलाज कर रही हैं।
जालंधर, जेएनएन। सिविल अस्पताल में डेंगू व वायरल बुखार की दस्तक से बढ़ी मरीजों की संख्या से वार्डों में ईलाज की व्यवस्था की कलई खुली। इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों में मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा नर्सिंग छात्राओं के सहारे चल रही है। वहीं, पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन नर्सिंग स्टाफ की कमी पूरे पंजाब के सरकारी अस्पतालों में बता कर पल्ला झाड़ रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन सेहत विभाग को स्टाफ की मांग को लेकर पत्र जारी कर अपनी ड्यूटी बजा रहा है। इन सबके बीच अगर कोई प्रभावित हो रहा है तो वह मरीज है जो इलाके के सबसे बड़े अस्पताल में इलाज करवाने आ रहा है। पिछले पांच दिन से डेंगू वायरल के मरीजों को लेकर सिविल अस्पताल के तकरीबन सभी वॉर्ड फुल चल रहे हैं। वहीं, अस्पताल में ईलाज करने वालों में फ्रंट लाइन सिपाही मानी जाने वाली नर्सों की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा।
नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग की पढ़ाई कर रही छात्राओं के हाथ में मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा की बागडोर सौंप दी है। सिविल अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में केवल एक नर्स और 5-6 नर्सिंग छात्राएं मरीजों को दवा दे रही हैं। इमरजेंसी वार्ड में भी ज्यादातर कामकाज का बोझ नर्सिंग छात्राओं के कंधों पर डाला जा रहा है। सिविल अस्पताल के नर्सिंग स्कूल की 95 तथा अन्य निजी नर्सिंग स्कूलों से 150 के करीब छात्राएं इंटरनशिप व पढ़ाई के साथ सिविल अस्पताल में मरीजों का ईलाज कर रही हैं।
दो दशक में अस्पताल में बेड तो बढ़े परंतु नर्सिंग स्टाफ नहीं
नर्सिंग एसोसिएशन की पदाधिकारी जसबीर कौर थिंद कहती हैं कि दो दशक में सिविल अस्पताल की बेड क्षमता तेजी से बढ़ी है परंतु नर्सिंग स्टाफ के पद नहीं बढ़ाए गए। वर्तमान में अस्पताल में मरीजों की भीड़ को देखते हुए स्टाफ डबल ड्यूटी कर रहा है। ट्रोमा सेंटर में 40 नर्सों की भर्ती हुई थी, इनमें से केवल 18 ही बची हैं शेष काम छोड़ गई हैं। विभाग ने जच्चा-बच्चा सेंटर खोला और 30 नर्सों की तैनाती करने की बात कही थी, परंतु दो साल बाद भी स्टाफ नहीं पहुंचा। सिविल अस्पताल से 6 स्टाफ नर्सें लंबे समय से डेंपुटेशन पर अमृतसर, गुरदासपुर तथा दिल्ली में तैनात हैं। सिविल अस्पताल में बैड क्षमता 547 तक पहुंच चुकी है और स्टाफ नर्सें 130 के करीब हैं।
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनदीप कौर मानती हैं कि अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ की कमी है। अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर मरीजों की समस्या के समाधान के लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के पत्र लिखा गया है। उन्होंने डेपुटेशन पर तैनाती के लिए आश्वासन दिया है।
17 जगह पर मिला डेंगू का लारवा
सेहत विभाग की ओर से डेंगू के खिलाफ जारी मुहिम के तहत शनिवार को टीमों ने विभिन्न इलाकों का दौरा कर 17 जगह डेंगू का लारवा रिपोर्ट किया। सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर कौर चावला ने बताया कि एक दर्जन टीमों को अमन नगर, न्यू दिलबाग नगर, शहीद उधम सिंह नगर, आनंद नगर इस्लाम गंज, गोल्डन एवेन्यू तथा जसवंत नगर में डेंगू का लारवा मिला जिसे मौके पर नष्ट करवा दिया गया।
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