जालंधर के उपकार नगर में है शिव मंदिर दरबार सोहनी सच्ची सरकार, वर्ष में दो बार यहां मनाया जाता है उर्स
शिव मंदिर दरबार सोहनी सच्ची सरकार उपकार नगर में केवल इलाके ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों से लोग भी शिव पूजा व आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए अलग से सेवादार तैनात किए जाते हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। शिव मंदिर दरबार सोहनी सच्ची सरकार उपकार नगर में केवल इलाके ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों से लोग भी शिव पूजा व आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। श्री गुरु रविदास स्कूल नजदीक दोमोरिया पुल से हाईवे को जाती सड़क के शुरू होने से पहले ही उपकार नगर में स्थित है शिव मंदिर सोहनी सच्ची सरकार। यहां पर पहुंचने के लिए दोमोरिया पुल रोड सबसे बेहतर मार्ग है। मंदिर को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए अलग से सेवादार तैनात किए जाते हैं। यहां वर्ष में दो बार उर्स मनाया जाता है। यह परंपरा पिछले लंबे समय से चली आ रही है।
मंदिर का इतिहास
दरबार सोहनी सच्ची सरकार में वर्ष भर श्रद्धालु नतमस्तक होने के लिए पहुंचते हैं। यहां पर साल में दो बार उर्स भी मनाया जाता है। इसमें आने वाले श्रद्धालु यहां पर बने शिवालय में भी नतमस्तक होते हैं। भगवान शिव के अनुयायियों की ओर से यहां पर मंदिर बनाने की मांग की जा रही थी। संस्थान के संचालक उस्ताद टोनी शाह ने मंदिर का निर्माण करवाया है।
तैयारियां
शिव मंदिर सोहनी सच्ची सरकार उपकार नगर में सावन के महीने में विशेष तैयारियां की जाती हैं। इसे लेकर पूरे इलाके में जाल लगाकर सजावट करने के साथ-साथ रास्ते में कई जगह टेंट भी लगाए जाते हैं। मंदिर के आसपास घनी आबादी वाला इलाका होने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं को बिल्व पत्र, भांग व धतूरा उपलब्ध करवाए जाते हैं।
मंदिर को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए अलग से सेवादार तैनात किए जाते हैं। यहां वर्ष में दो बार उर्स मनाया जाता है। यह परंपरा पिछले लंबे समय से चली आ रही है।
- उस्ताद टोनी शाह, संस्थान के संचालक
शिव मंदिर की सेवा करके मन को सुकून मिलता है। एक तरफ सुंदर सजा दरबार तो वहीं दूसरी तरफ भगवान शिव का पवित्र शिवालय। इसमें पिछले लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं। सावन में जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
सेवादार, गौरव पुरी।
भगवान शिव की आराधना का महीना है सावन
भगवान शिव की आराधना करने के लिए सबसे बेहतर महीना सावन है। इस माह में आने वांले सोमवार को व्रत रखने की परंपरा है तो इसी माह में नाग पंचमी, श्रीगणोश चतुर्थी और स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाता है। यही कारण है कि इस महीने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। प्रकृति की सुंदरता से रूबरू करवाने के लिए यह महीना जाना जाता है। भगवान शिव को विधिवत पूजा कर प्रसन्न करने का यह सबसे बेहतर समय है। इस माह शिवालयों की रौनक भी बढ़ जाती है। बारिश हो या फिर तेज धूप श्रद्धालु सावन माह में मंदिर जाकर पूजा जरूर करते हैं।
- रोबिन सांपला, प्रधान, श्री गुरु रविदास संघर्ष कमेटी पंजाब।