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विकास की दृष्टि से पिछड़े शीतला मंदिर की एक इमारत खस्ता, जानें क्या है पूरा मामला

नॉर्थ इंडिया में विख्यात शहर का शीतला मंदिर विकास की दृष्टि से पिछड़ चुका है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 08:40 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 09:19 AM (IST)
विकास की दृष्टि से पिछड़े शीतला मंदिर की एक इमारत खस्ता, जानें क्या है पूरा मामला
विकास की दृष्टि से पिछड़े शीतला मंदिर की एक इमारत खस्ता, जानें क्या है पूरा मामला

जालंधर, [शाम सहगल] । नॉर्थ इंडिया में विख्यात शहर का शीतला मंदिर विकास की दृष्टि से पिछड़ चुका है। आलम ये है कि मंदिर में एक इमारत पूरी तरह से खस्ता हो चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर में नई बि¨ल्डग बनाने के लिए खड़े किए गए पिलर आज भी निर्माण प्रक्रिया की बाट जोह रहे हैं। लाखों लोगों की आस्था का केंद्र सर्कुलर रोड पर स्थित इस मंदिर के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व का जिक्र जिले के इतिहास में भी दर्ज है। त्वचा संबंधी एक ऐसी समस्या का समाधान इस ऐतिहासिक मंदिर में मात्र कच्ची लस्सी व धार्मिक रस्में पूरी करने से हो जाता है, जिसे लेकर कई बार डॉक्टर भी हाथ खड़े कर देते हैं। यहीं कारण है कि इस मंदिर के साथ लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। जुदा बात है कि ट्रस्ट व मंदिर में पुरोहित की सेवाएं दे रहे गोस्वामी परिवार में तालमेल के अभाव के चलते विकास का काम शुरू ही नहीं हो पा रहा है। हालांकि, गोस्वामी परिवार मंदिर में विकास करवाने के पक्ष में है। लिहाजा, वह ट्रस्ट को इसके लिए पहल करने की मांग करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ ट्रस्ट के कई सदस्य विकास तो करवाना चाहते हैं लेकिन शर्तो के आधार पर। बहरहाल, इस मंदिर में होली के बाद माह भर आने वाले मंगलवार को लगने वाले मेले का आगाज हो चुका है। जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं।

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चिकन पॉक्स के मरीजों को डॉक्टर भी देते हैं इस मंदिर की सलाह

इस मंदिर की खास बात ये है कि स्किन संबंधी समस्या चिकन पॉक्स के दौरान परहेज करने के साथ-साथ डॉक्टर भी इस एतिहासिक मंदिर में जाकर धार्मिक रस्में पूरी करने की सलाह देते हैं। बताया जाता है कि छोटे बच्चे को चिकन पॉक्स होने पर तीन व बड़ों को पांच दिन बाद इस मंदिर में आकर धार्मिक रस्में पूरी करने की सलाह दी जाती है। रस्में पूरी करने के कुछ समय बाद ही त्वचा साफ हो जाती है।

भाजपा के ऑफिस से अदा होता है बिजली का बिल

शीतला मंदिर के बाहर चार दुकानें व चढ़ावे के अलावा जिला भाजपा का कार्यालय भी आय का साधन है। मंदिर में बने भाजपा के कार्यालय द्वारा बिजली का बिल अदा किया जाता है। जबकि अन्य साधनों को लेकर संशय बरकरार है। इस बारे में जिला भाजपा प्रधान रमन पब्बी बताते हैं कि पिछले लंबे समय से चली आ रही प्रथा के मुताबिक ही बिजली का बिल अदा किया जाता है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव विवेक पब्बी बताते हैं कि मंदिर के निर्माण को लेकर तैयारियां कर ली गई हैं। मेले के दिनों में निर्माण करवा पाना संभव नहीं है। जिसके चलते लोकसभा चुनाव व मेले के बाद भक्तों के सहयोग से विकास का काम शुरू होगा।

मंदिर के नवनिर्माण को लेकर नक्शा तैयार करवा लिया है। इसी आधार पर मंदिर का निर्माण होना था। मंदिर में पुरोहित गोस्वामी परिवार के आपसी तालमेल के अभाव से फिलहाल काम शुरू नहीं हो पाया है। सकारात्मक माहौल बनते ही काम शुरू कर देगें। अशोक चड्ढा, अध्यक्ष

90 के दशक में कुछ लोगों ने मंदिर पर कब्जे का प्रयास किया था। शहर के गणमान्य लोगों संग मिलकर लड़ाई की, सफलता भी मिली। नक्शा तैयार करवाने से लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर ली है। जब माता रानी चाहेंगी विकास शुरू कर देंगे। - नवल किशोर कंबोज, ट्रस्ट सदस्य

हम मंदिर का विकास करवाने को तैयार हैं। इसके लिए ट्रस्ट के सदस्यों के समक्ष भी मांग की जा रही है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होते ही लोग पूरे उत्साह के साथ सहयोग को तैयार है। - कुणाल गोस्वामी, पुरोहित


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