इन दिनों लैपटॉप ही है बॉस : शगुन
लैपटॉप ही बॉस बना हुआ नजर आ रहा है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : जिस दिन से वर्क फ्रॉम होम लागू हुआ है उस दिन से तो लैपटॉप ही बॉस बना हुआ नजर आ रहा है। हर वक्त इसे चार्ज कर कर रखो। ब्रॉडबैंड को चालू रखो और इसे उस स्थान पर विराजमान करो, जहां बिल्कुल शांति हो। मैग्मा इंश्योरेंस कंपनी की रिलेशनशिप मैनेजर शगुन शर्मा कोरोना वायरस के चलते लगाए गए कर्फ्यू के बाद लगातार वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) वाले मोड पर ही हैं और घर से ही लगातार काम कर रही हैं।
शगुन बताती हैं कि कर्फ्यू के कारण अब फील्ड में जाना बंद हो गया है। फोन, मैसेज अथवा ईमेल पर ही क्लाइंट से बात हो रही है। वर्क फ्रॉम होम के कंसेप्ट के बारे में शगुन ने कहा कि यह इतना आसान नहीं है जितना नजर आता है। कंपनियों ने इस संबंध में नियमावली जारी की है। इसके मुताबिक सबसे पहले घर में एक अलग स्थान ढूंढना पड़ता है। वहां आपको एक टेंपरेरी वर्क स्टेशन बना देना पड़ता है। जहां आप लैपटॉप रखते हैं, इंटरनेट से कनेक्ट रखते हैं और उसे हमेशा ऑन मोड में ही रहने देते हैं। शगुन ने कहा कि चाहे इंप्लाइज वर्क फ्रॉम होम वाले कंसेप्ट को समझ गए हैं, लेकिन परिजन इसे समझ नहीं पाए हैं। परिवार वालों को तो यही लगता है कि ऑफिस नहीं गए तो छुट्टी ही है।
वर्क फ्रॉम होम में घर पर रहकर भी ऑफिस की तरह ही काम करना पड़ता है। सुबह ऑफिस के समय ही तैयार होकर लैपटॉप के आगे बैठ जाना होता है। दिन में कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिग होती है। कई बार कॉन्फ्रेंस कॉल होती है और कई बार वाट्सएप पर मैसेज का आदान-प्रदान होता है। शगुन ने कहा कि घर से काम करना बड़ी चुनौती है। कई बार घर पर ब्रॉडबैंड काम ही नहीं करता, लैपटॉप में कोई समस्या पेश आ जाती है या मोबाइल का ही सिग्नल गुम हो जाता है। ऑफिस में तो यह सारी बातें ऑफिस के स्तर पर मैनेज हो सकती हैं, लेकिन घर पर बैठकर इन चीजों को भी चलाना पड़ता है और साथ में ऑफिशियल मेल के जवाब, डाटा सब कुछ उपलब्ध करवाना होता है। सबसे बड़ी बात कि परिजनों को भी कन्वेंस करना पड़ता है कि छुट्टी नहीं है वह घर पर रहकर भी ऑफिस की तरह ही काम ही कर रही हूं।