काम की दुकानः धर्म-कर्म हुआ आसान, यहां मिल जाता है पूजा का सारा सामान
रामजी की ‘सेवक धूप फैक्ट्री’ की दुकान शहर के जग्गू चौक में हैं। यहां हर प्रकार की दुर्लभ पूजा सामग्री भक्तों को आसानी से मिल जाती है।
जालंधर, [शाम सहगल]। शहर के जग्गू चौक स्थित रामजी की ‘सेवक धूप फैक्ट्री’ की दुकान में प्रवेश करते ही लड्डू गोपाल की हर सीजन की ड्रेस, मां की रंग-बिरंगी चुनरियां, विभिन्न हार, पूजा की थाली, दुर्लभ शंख व रुद्राक्ष सहित अनेक वस्तुएं आपको किसी धार्मिक स्थल का अहसास करवाती हैं। ऐसा हो भी क्यों न। किसी भी देवी-देवता का विधिवत पूजा अर्चना करने के लिए जरूरी सामान की तमाम वरायटी जिले में इस दुकान से ही मिलनी संभव है। पूजा के सामान में कई ऐसी वस्तुएं होती हैं, जो केवल हरिद्वार, मां वैष्णो देवी मार्ग व श्री केदारनाथ धाम आदि विश्वविख्यात धार्मिक स्थलों की मार्केट से ही मिलती हैं। उन्हें भी इस दुकान से खरीदा जा सकता है। इसीलिए, पंजाब भर से लोग यहां पर पूजा का सामान खरीदने आते हैं।
सूरत व कलकत्ता से मंगवाते हैं देवी देवताओं की पोशाकें
दुकान के मालिक राम जी शर्मा बताते हैं कि सिल्क, वेलवेट और गोटा वर्क वाली देवी-देवताओं की पोशाकें देश भर में सबसे अधिक सूरत और कोलकाता में तैयार की जाती हैं। सूरत व कोलकाता विदेशों में भी फैंसी ड्रेस के लिए विख्यात हैं। यहां पर खासकर लड्डू गोपाल, ठाकुर जी, मां भवानी तथा भोले शंकर की सर्दी व गर्मी दोनों सीजन की ड्रेसेस तैयार की जाती हैं। कपड़े की वराइटी व डिजाइन में समय के साथ परिवर्तन होता है। इस कारण, हर वर्ष नई वरायटी तथा डिजाइन मंगवाए जाते हैं।
मानसिक शांति भी देता है पूजा के सामान का काम
राम जी शर्मा बताते हैं कि पूजा पाठ के समान की बिक्री केवल कारोबार के लिए ही नहीं बल्कि इससे उन्हें मानसिक शांति भी मिलती है। उन्होंने बताया कि विधिवत पूजा अर्चना के लिए कई बार इधर-उधर भटकने के बाद भी श्रद्धालुओं का सम्मान पूरा नहीं हो पाता जिससे वह निराश हो जाते हैं। उनके यहां विधिवत पूजा करवाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी सामान की कमी नहीं आने दी जाती। उनके पिता स्व. प्रकाश चंद शर्मा उन्हें संस्कार दिए हैं, कमाई हो या ना हो पूजा के सामान की क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया। यही उनकी दुकान की प्रसिद्धि का मूल है।
तीसरी पीढ़ी आगे बढ़ा रही कारोबार
शहर के अंदरूनी क्षेत्र के कलां बाजार के नजदीक स्थित जग्गू चौक में सेवक धूप फैक्ट्री को तीसरी पीढ़ी आगे बढ़ा रही है। हालांकि आज यहां कोई फैक्ट्री नहीं है। लिहाजा साठ के दशक से शुरू हुई यह दुकान सेवक धूप के नाम से मशहूर हो चुकी है। ऋषि व प्रिंस बताते हैं कि उनके दादा प्रकाश चंद शर्मा ने पूजा के सामान बेचने का काम शुरू किया था। जिसे पिता राम जी शर्मा के साथ वे कारोबार आगे बढ़ा रहे हैं।
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