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सरफेस वाटर प्रोजेक्ट में तेजी, सीवरेज बोर्ड ने 862 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया Jalandhar News

पहले यह प्रोजेक्ट 1400 करोड़ का था लेकिन इसमें कुछ बदलाव किया गया है जिसके बाद शहर में पानी सप्लाई का पुराना ढांचा ही इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 09:13 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 04:37 PM (IST)
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट में तेजी, सीवरेज बोर्ड ने 862 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया Jalandhar News
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट में तेजी, सीवरेज बोर्ड ने 862 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। नगर निगम की ओर से वाटर मीटर पॉलिसी पर काम शुरू करते ही सरफेस वाटर प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत सतलुज दरिया का पानी शहर के लोगों को पीने के लिए सप्लाई करना है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के लिए पंजाब वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड ने टेंडर जारी किया है। यह टेंडर 862 करोड़ रुपये का है।

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पहले यह प्रोजेक्ट 1400 करोड़ का था, लेकिन इसमें कुछ बदलाव किया गया है जिसके बाद शहर में पानी सप्लाई का पुराना ढांचा ही इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। 862 करोड़ रुपये में से 800 करोड़ प्रोजेक्ट की कीमत है जबकि 62 करोड़ रुपये पूरे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, टंकियों, स्काडा सिस्टम की 10 साल की मेंटनेंस के कांट्रेक्ट के रूप में रखे गए हैं।

नगर निगम के एसई सतिंदर कुमार का कहना है कि सरफेस वाटर प्रोजेक्ट शुरू होने पर शहर में 24 घंटे पानी सप्लाई होगी। इससे पानी की बचत भी होगी। नगर निगम ने सतलुज दरिया का पानी बिस्त दोआब नहर के जरिए शहर तक लाना है। शहर की सीमा के आसपास जमीन लेकर नहर के किनारे पानी स्टोर करने के लिए टैंक बनाया जाएगा और वहीं पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। दूसरे फेस में इसे 2050 में पानी की जरूरत के मुताबिक बढ़ाया जाएगा। 30 साल बाद यह डिमांड 350 एमएलडी होगी।

शहर को 37 पाकेट्स में बांटा, 22 में टंकियों से होगी सप्लाई

सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के लिए पंजाब सीवरेज बोर्ड की सर्वे टीम ने शहर को 37 पाकेट्स में बांटा है। इनमें से 22 पाकेट्स वह हैं जहां पर इस समय टंकियां बनी हुई हैं। टंकी की क्षमता के अनुसार पॉकेट का एरिया तय किया गया है। जहां तक टंकी से पानी की सप्लाई हो सकती है वहीं इलाके शामिल किए गए हैं। बाकी 15 पाकेट्स में सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत डाली जाने वाली अंडरग्राउंड मेन पाइप लाइन से बूस्टर के जरिए प्रेशर बना कर सप्लाई होगी। यह पाकेट्स 22 टंकी वाली पाकेट्स के मुकाबले बड़ी हैं।

स्काडा सिस्टम से पाइप लाइन में गड़बड़ी पर रहेगी नजर

नए प्रोजेक्ट में स्काडा सिस्टम भी लगाया जाएगा। इसके तहत पानी की सप्लाई पर ऑनलाइन नजर रहेगी। अगर किसी इलाके में पानी की लीकेज या अन्य किसी तरह की रुकावट आती है तो इसकी ऑनलाइन सूचना अफसरों को मोबाइल पर ही मिलेगी। इससे किसी भी शिकायत को समय रहते दूर किया जा सकेगा। स्काडा सिस्टम से पानी की चोरी भी रोकी जा सकेगी। यह भी मॉनिटरिंग हो सकेगी कि किस इलाके में कितना पानी इस्तेमाल हुआ और कितनी खपत का बिल आया।

जमीन खरीदने के लिए दोबारा टेंडर, अब शहर में ही लगेगा प्लांट

नगर निगम ने सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के प्लांट, स्टोरेज टैंक के लिए आदमपुर के गांव जगरावां में 100 एकड़ जमीन का प्लान बदल दिया है। अब यह जमीन शहर के पास ही खरीदी जाएगी। पहले फेस के लिए सिर्फ 50 एकड़ जमीन की जरूरत है इसलिए अब 50 एकड़ जमीन ही खरीदने का फैसला लिया है। जगरावां में किसानों ने जमीन के लिए 93 एकड़ जमीन ऑफर की थी लेकिन रेट को लेकर बात नहीं बनी। किसान 50 लाख रुपये प्रति एकड़ मांग रहे थे जबकि डीसी की अध्यक्ष्ता वाली कमेटी कलेक्टर रेट से डबल 24 लाख प्रति एकड़ देने को तैयार थी। अब नगर निगम ने तय किया है कि जमीन शहर के पास ही खरीदी जाएगी। निगम के एसई सङ्क्षतदर कुमार ने कहा कि पठानकोट चौक के आसपास भी जमीन मिली तो भी निगम खरीदेगा। सतलुज दरिया से पानी लाने का प्रोजेक्ट पठानकोट चौक के आसपास लग सकता है। 

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