सैनिटाइजर का सैंपल फेल हाेने पर कंपनी का लाइसेंस सस्पेंड, बठिंडा में भरे गए थे सैंपल
कोरोना काल में सैनिटाइजर की मार्केट में तेजी का फायदा उठा कुछ लोगों ने नकली सैनिटाइजर ही बनाकर बेचने शुरू कर दिए।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना काल में सैनिटाइजर की मार्केट में तेजी का फायदा उठा कुछ लोगों ने नकली सैनिटाइजर ही बनाकर बेचने शुरू कर दिए। जालंधर की एक कंपनी का बनाए सैनिटाइजर की रिपोर्ट फेल आने पर आयुर्वेदिक विभाग ने अगले आदेशों तक उसका लाइसेंस सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं।
विभाग के स्थानीय ऑफिस ने कंपनी के दोबारा सैंपल भी लिए हैं। जालंधर की सैनिटाइजर गेलीबेरी फार्मूलेशन की ओर से बनाए गए सैनिटाइजर के बठिंडा में सैंपल भरे गए थे। आयुर्वेदिक विभाग के डायरेक्टर डॉ. राकेश कुमार का कहना है कि उक्त कंपनी को आयुर्वेदिक तथा आइसोप्रोपाइल से सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया गया था। फेल पाएं गए सैंपल में 95 फीसदी मेथानोल एल्कोहल पाई गई है।
इसके बाद कंपनी का लाइसेंस अगले आदेशों तक सस्पेंड करने के साथ उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं, कंपनी के मालिक जसप्रीत सिंह का कहना है कि वह आइसोप्रोपाइल का ही इस्तेमाल करते है और उसके पूरे बिल उनके पास हैं। उन्होंने कहा कि उनके स्तर से चूक नहीं हुई है। वह कंपनी से मंगवाए गए केमिकल की भी जांच करवाएंगे।
कंपनी ने ज्यादातर सप्लाई हिमाचल में की
जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अफसर डॉ. जोगिंदर पाल का कहना है कि कंपनी ने पिछले तीन माह में छह हजार लीटर केमिकल का इस्तेमाल किया है। 100 एमएल की 75 हजार बोतलें तैयार कर मार्केट में भेजी हैं। इनमें ज्यादातर सप्लाई हिमाचल प्रदेश में की गई है। विभाग की ओर से तीन दिन में मार्केट में भेजे गए सारे समान को वापिस लाने तथा नोटिस का जवाब देने की हिदायतें दी हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही विभाग की ओर से कंपनी की ओर से बनाए गए दूसरे बैच का भी सैंपल लिया गया है।