राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में सीचेवाल माडल को सराहा
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में तीन दिन तक चली कान्फ्रेंस में देश के दरियाओं की सेहत व उन्हें पुनर्जीवित करने की संभावनाएं तलाशने पर गहन चर्चा की गई।

सुल्तानपुर लोधी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में तीन दिन तक चली कान्फ्रेंस में देश के दरियाओं की सेहत व उन्हें पुनर्जीवित करने की संभावनाएं तलाशने पर गहन चर्चा की गई। कान्फ्रेंस में कनाडा, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, इजरायल व दक्षिण कोरिया समेत अन्य कई देशों के माहिर आए थे। उन्होंने कहा कि देश के दरियाओं को प्रदूषण मुक्त करने के लिए वातावरण प्रेमी संत बलबीर ¨सह सीचेवाल द्वारा स्थापित किया गया मॉडल ही सबसे अधिक कारगर है।
फ्रांस के डॉ. ओलिवर अटेइया व तेल अवीव यूनिवर्सिटी इजरायल से आए प्रो. हादास मामामई ने संत बलबीर ¨सह सीचेवाल द्वारा पेश की गई प्रेजेंटेशन देखने के बाद कहा कि दुनिया में कहीं भी ऐसी मिसाल नहीं मिलती। कान्फ्रेंस में 162 माहिरों ने अपनी राय रखी। उन्होंने बेई की कार सेवा को दुनिया का सर्वोत्तम कार्य बताया।
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डॉ. कलाम खुद देखने आए थे काली बेई
पावन काली बेई को लोगों की शमूलियत से पुन: निर्मल बनाने वाले संत बलबीर ¨सह सीचेवाल ने बताया कि लोगों से अधिक जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी हैं, जिन्होंने समय रहते प्रदूषण रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। बेई के बारे डॉ. कलाम की सांझ का जिक्र करते संत सीचेवाल ने बताया कि एक राष्ट्रपति द्वारा का खबर पढ़कर खुद नदी देखने आना बड़ी बात है। इससे कार सेवा का हौसला बढ़ता है। उन्होंने कहा कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोतों बारे में राजनीतिक लीडरों की पहुंच भी डॉ. कलाम जैसी होनी चाहिए।

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