रेलवे में यूनियन की मान्यता को लेकर सात साल बाद सीक्रेट बैलट इलेक्शन की प्रक्रिया तेज
Indian Railway Union Polls रेलवे में मान्यता प्राप्ति के लिए यूनियनों में आपसी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है और मंडल स्तर पर नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन (एनआरएमयू) और उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) में आमने-सामने की टक्कर है।
जालंधर, जेएनएन। रेलवे में यूनियन की मान्यता को लेकर सात साल बाद सीक्रेट बैलेट इलेक्शन की प्रक्रिया तेज हो गई है। दरअसल, रेलवे में मान्यता प्राप्ति के लिए यूनियनों में आपसी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है और मंडल स्तर पर नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन (एनआरएमयू) और उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) में आमने-सामने की टक्कर है। हालांकि चुनाव की दौड़ में उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन (यूआरकेएमयू) भी है। वहीं आल इंडिया स्तर पर चुनाव की इस दौड़ में आल इंडिया रेलवे फेडरेशन (एआईआरएफ), इंडियन नेशनल रेलवे वर्कर्स फेडरेशन (एनएफआईआर), भारतीय रेलवे मजदूर संघ (बीआरएमएस) शामिल हैं।
नियमानुसार चुनाव हर बार छह साल बाद होते हैं। गत वर्ष चुनाव करवाना तय किया गया था, मगर किसी कारणवश उन्हें स्थगित कर दिया गया था। मार्च के बाद लगे लाकडाउन की वजह से भी चुनाव नहीं हो पाए थे। अब बोर्ड ने शेड्यूल जारी कर दिया है। इसी के साथ यूनियनों के पदाधिकारी चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। वे लगातार वोटरों के साथ राब्ता कर रहे हैं। मुलाजिमों के मुद्दों को हल करने के भी आश्वासन दे रहे रहे हैं। अब तक यूनियन को मान्यता के लिए 35 फीसद वोट चाहिए थे, अब यह संख्या बढ़कर 51 फीसद कर दी गई है।
यह है चुनाव का शेड्यूल
रेलवे बोर्ड के अनुसार मतदान दिसंबर के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। मातदाताओं की सूची 27 अक्टूबर को जारी होगी। तीन नवंबर को कर्मचारियों की तरफ से आवेदन मांगे जाएंगे। 4 नवंबर तक आवेदन वापस लेने की प्रक्रिया होगी। 5 नवंबर को फाइनल वोटर सूची जारी की जाएगी। पिछले चुनाव 25 से 27 अप्रैल तक 2013 में हुए थे और दो मई को उसका नतीजा घोषित किया गया था। उससे पहले वर्ष 2007 में चुनाव हुए थे।
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