स्कूली बच्चे सुबह छह बजे से सड़कों पर, शहर में आठ बजे तक दौड़ते हैं ओवरलोडेड टिप्पर
अधिकतर भारी वाहन सुबह सेवेरे पठानकोट चौक से पीएपी चौक बीएसएफ चौक बस स्टैंड फ्लाईओवर लिंक रोड गुरु नानक मिशन चौक और नकोदर चौक से होते हुए निकलते हैं।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। गर्मियों में अधिकतर स्कूल सुबह सात बजे लगने शुरू हो जाते हैं। इस कारण स्कूली बच्चे और अध्यापक छह बजे से सड़कों पर नजर आना शुरू हो जाते हैं, लेकिन शहर में खौफ का सबब बन चुके ओवरलोडेड टिप्पर आठ बजे तक सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
पठानकोट चौक से लेकर नकोदर रोड तक लगातार मंडराता है खतरा
बता दें कि ज्यादातर ओवरलोडेड टिप्पर पठानकोट से रेत और बजरी लेकर मालवा की तरफ जाते हैं। ऐसे में ये वाहन पठानकोट चौक से पीएपी चौक, बीएसएफ चौक, बस स्टैंड फ्लाईओवर, लिंक रोड, गुरु नानक मिशन चौक और नकोदर चौक से होते हुए नकोदर की तरफ बढ़ते हैं। इन्हीं रास्तों पर अधिकतर स्कूल होने के कारण हादसे होने का खतरा भी रहता है। लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल, पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल, बीएसएफ स्कूल, लायलपुर खालसा कॉलेज, सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल एपीजे स्कूल एवं कॉलेज, सेंट जोसेफ जूनियर स्कूल आदि के बच्चे यहीं से होकर निकलते हैं। सुबह इन रास्तों पर साइकिल, स्कूली बसों में और अभिभावकों के साथ अपने वाहनों पर स्कूल जाते बच्चों को देखा जा सकता है। इस दौरान सड़कों पर दौड़ते यह वाहन कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं।
पुलिस को नहीं पता किसने दी सुबह आठ बजे तक एंट्री की मंजूरी
शहर में यातायात नियंत्रण की जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस शाम 8 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक भारी वाहनों के शहर में प्रवेश को नहीं रोकती है। हैरानी इस बात की है कि भारी वाहनों के लिए 12 घंटे की छूट किसने दे रखी है? यह ट्रैफिक पुलिस को भी नहीं पता है।
तेल टैंकरों और एलपीजी ट्रकों पर नहीं कोई रोक : एसेंशियल कमोडिटी के तहत पेट्रोल, डीजल ला रहे टैंकरों और एलपीजी के ट्रकों पर शहर में प्रवेश को 24 घंटे ही छूट मिली हुई है। ऐसे में उक्त वाहन चौबीस घंटे शहर में घूमते नजर आते हैं।
टिप्पर पलटने की दो घटनाओं के बाद भी नहीं लगी रोक
ढाई वर्ष के दौरान शहर में ओवरलोडेड टिप्पर पलटने की घटनाओं में कीमती जानें चली जाने के बावजूद इन पर कोई रोक नहीं लग पाई है। दिसंबर 2016 में पूर्व आईपीएस अधिकारी स्व. अनूप सिंह मिन्हास के 19 वर्षीय पौत्र अजीत सिंह की फॉच्र्यूनर गाड़ी पर बीएसएफ चौक पर मिट्टी से लदा ओवरलोडेड टिप्पर पलटने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद वर्ष 2017 में पीएपी चौक में फगवाड़ा के एक परिवार की कार पर बजरी से भरा ओवरलोड टिप्पर पलट गया था। इसमें परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। इन घटनाओं के अलावा और भी ऐसी कई घटनाएं लगातार हो रही हैं। इसके बावजूद इन वाहनों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
पता कराएंगे किसकी अनुमति से 12 घंटे की छूट : एडीसीपी
महानगर के एडीसीपी ट्रैफिक अश्विनी कुमार ने कहा कि एसेंशियल कमोडिटी के तहत तेल टैंकर और एलपीजी के ट्रक तो किसी भी समय शहर में से निकल सकते हैं, लेकिन शाम आठ बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक शहर में भारी वाहनों के प्रवेश को किसने अनुमति दी है, इसका पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से अनुमति दी गई होगी तो फिर समय में तब्दीली पर विचार किया जाएगा।
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