इस जिले के प्री-प्राइमरी स्कूलों के बच्चे मिड-डे मील से वंचित
कमल किशोर, जालंधर:सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में एक से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड-डे-मिल की सुविधा दी जा रही है।
कमल किशोर, जालंधर:सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में एक से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड-डे मील सुविधा दी जा रही है। हर दिन नए मेन्यू के मुताबिक बच्चों को मील दी जा रही है। सरकार ने सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरु कर दी गई। बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे है। बच्चों को मिड-डे मील स्कीम में शामिल नहीं किया है। स्कूल शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर दी है तो इन बच्चों को मिड डे मील में लाया जाए।
मिड-डे मील गर्वमेंट ऑफ इंडिया की स्कीम के तहत इन बच्चों को मील नहीं दिया जा रहा है। प्राइमरी बच्चों को सोशल वेल्फेयर विभाग की ओर से पंजीरी दी जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्री-प्राइमरी बच्चों को मिड-डे मील नहीं दी जा रही है। इन बच्चों की संभाल सोशल वेल्फेयर विभाग से किया जा रहा है। सरकार अपने स्तर पर स्कूलों को बच्चों को मिड मील देने की बात नहीं कह सकती। फिलहाल शिक्षा विभाग केन्द्र सरकार से समक्ष बात रखेगा कि बच्चों को भी मिड-डे मील स्कीम तहत लाया जाए।
जिले के 1.12 लाख विद्यार्थी ले रहे है लाभ
जिले के 1490 स्कूल ( प्राइमरी, अपर प्राइमरी, एडिड, नैशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट के 1.12 लाख विद्यार्थी मिड डे मील का लाभ ले रहे है। जिले में 955 स्कूलों में शुरू की गई थी प्री-प्राइमरी कक्षाएं। अब तक इन स्कूलों में 8000 बच्चे दाखिला ले चुके थे। बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से स्टोरी कार्ड, रंग, कहानिया की पुस्तकें, पेंसिल व अन्य जरूरत का सामान दिया जा रहा है।
केन्द्र सरकार के समक्ष रखेंगे माग
डीपीआइ प्राइमरी इंद्रजीत सिंह ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरु हो चुकी है। इन बच्चों को मिड-डे मील में लाने के लिए केन्द्र सरकार से माग कर सकते है। इन बच्चों को स्टडी का मैटीरियल मुहैया करवाया जा रहा है। शिक्षा विभाग कोई ऐसा कोई लेटर इश्यू नहीं कर सकता प्री-प्राइमरी बच्चो को मिड-डे मील दिया जाए।