जालंधर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में घोटाला, नगर निगम हाउस में आज भी छाएगा गड़बड़ी का मुद्दा
जालंधर में स्मार्ट सिटी के 21 करोड़ रुपये के चौक सुंदरीकरण प्रोजेक्ट में घोटाला सामने आ रहा है। प्रोजेक्ट के तहत 11 चौक का काम करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था। सबसे पहले वर्कशॉप चौक पर काम शुरू किया था और तभी से घोटाले के आरोप लग रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी के 21 करोड़ रुपये के चौक सुंदरीकरण प्रोजेक्ट में घोटाला सामने आ रहा है। गड़बड़ी को लेकर तीसरी बार आरोप लगे हैं और अभी तक इस पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने एक बार भी जांच नहीं करवाई है। प्रोजेक्ट के तहत 11 चौक को सुंदर बनाने का काम करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था। सबसे पहले वर्कशॉप चौक पर काम शुरू किया गया था और तभी से यह आरोप लगते रहे हैं कि प्रोजेक्ट में गड़बड़ी है और निर्माण के दौरान में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल हो रहा है। करीब 2 महीने पहले फाइनेंस कमेटी के मेंबर गुरविंदर सिंह बंटी नीलकंठ और सीवरेज डिस्पोजल कमेटी के चेयरमैन पवन कुमार ने गुरु अमरदास चौक में सुंदरीकरण प्रोजेक्ट की जांच की थी और वहां पर इंटरलॉकिंग टाइल्स से फुटपाथ निर्माण में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे।
इनका आरोप था कि इंटरलॉकिंग टाइल्स घटिया मटीरियल से बनी है और हल्के से दबाव से ही टूट रही हैं। इन आरोपों की भी जांच नहीं की और इसी बीच 18 जनवरी को हुई नगर निगम हाउस की मीटिंग में गुरु अमरदास चौक के पास ही लगाई जा रही इंटरलॉकिंग टाइल्स पर इलाका पार्षद अरुणा अरोड़ा ने भी सवाल खड़े कर दिए।
निगम हाउस में पार्षद अरुणा अरोड़ा ने यह मुद्दा उठाया की डेरा सत करतार के सामने लगाई जा रही इंटरलॉकिंग टाइल्स हाथ से ही उखाड़ी जा सकती हैं। पार्षद अरुणा अरोड़ा आज फिर यह मामला मेयर के सामने रख सकती हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी के काम को लेकर पार्षद लगातार सवाल खड़े करते आए हैं। सोमवार 18 जनवरी को ही मीटिंग में भी स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को लेकर ही नगर निगम में काफी हो हल्ला हुआ है। एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट को लेकर भी है आरोप लगते रहे हैं कि इसमें पार्षदों की अनदेखी की जा रही है जबकि पार्षद ही इस काम को सबसे बेहतर ढंग से करवा सकता है।
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