गुरदासपुर में एनएचएम विभाग में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत करोड़ों का घोटाला, जिला फैमिली वेलफेयर अफसर ने अकाउंटेंट को किया तलब
गुरदासपुर में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत लगाई गई गाड़ियों में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। सिविल सर्जन के निर्देशों पर मामले की जांच जिला फैमिली वेलफेयर अफसर डा. लखविंदर सिंह अठवाल को सौंपी गई है।
सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर। सेहत विभाग के तहत काम कर रहे एनएचएम विभाग में कोरोना और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत लगाई गई गाड़ियों में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। जिसके बाद सिविल सर्जन के निर्देशों पर मामले की जांच जिला फैमिली वेलफेयर अफसर को सौंपी गई है। जिन्होंने एनएचएम की जिला अकाउंटेंट दीपिका भल्ला को सोमवार को रिकार्ड सहित तलब किया है।
गौरतलब है कि सेहत विभाग की ओर से 2020 में कोरोना काल के दौरान मरीजों को लाने व ले जाने के बाद में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्राइवेट गाड़ियों के किराए पर लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक इस योजना के तहत दस गाड़ियां लगाई गई थी। जिनकी समय अवधि दो महीने रखी गई थी। लेकिन बाद में विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते इन्हें जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम में तबदील करके पिछले कुछ सालों से लगातार चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत गाड़ी चालकों को हर माह करीब सात लाख रुपये का भुगतान किया जाता था। जिसके चलते अब तक करोड़ों रुपये घोटाले की आशंका जताई जा रही है।
प्राथमिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि विभाग में कार्यरत एक अधिकारी द्वारा इस योजना के तहत बिना टैंडर के अपने परिवारिक सदस्यों की गाड़ियां किराए पर ली गई थी। जिसकी भनक सिविल सर्जन डा. हरभजन राम को लगने के बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच जिला फैमिली वेलफेयर अफसर व कलानौर के एसएमओ डा. लखविंदर सिंह अठवाल को जांच सौंप दी है। जिन्होंने एनएचएम विभाग की जिला अकाउंटेंट दीपिका भल्ला को रिकार्ड सहित तलब किया है।
इन अस्पतालों में थी गाड़ियां लगाने की अनुमति
काबिलेजिक्र है कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत केवल उन्हीं अस्पतालों में गाड़ियां लगाने की विभाग से अनुमति थी। जहां पर रोजाना 150 या इससे अधिक गर्भवतियों की डिलिवरियां होती हों। लेकिन विभाग द्वारा जिले के कई ऐसे अस्पतालों के नाम पर भी बिल बनाए गए, जहां पर डिलिवरिया ना के बराबर है। यहीं से सिविल सर्जन को भी मामले में गड़बड़ी की आशंका हुई है।
दीपिको को सोमवार जांच में शामिल होने के निर्देश दिए: डा. लखविंदर
जिला फैमिली वेलफेयर अफसर डा. लखविंदर सिंह अठवाल ने पुष्टि करते हुए बताया कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत लगाई गई करीब 10 गाड़ियों में गड़बड़ी की आशंका के चलते सिविल सर्जन द्वारा उन्हें मामले की जांच सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि उक्त स्कीम के तहत केवल उन्हीं अस्पतालों में गाड़ियां दी जा सकती थी। जहां रोजाना 150 तक डिलिवरियां होती हों। उन्होंने बताया कि ऐसे अस्पतालों में जिला अस्पताल गुरदासपुर और बटाला ही आते है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एनएचएम की जिला अकाउंटेंट दीपिका भल्ला को सारे रिकार्ड सहित तलब किया गया है। जिसमें उनसे पूछा गया है कि उक्त गाड़ियों के लिए टेंडर कब हुए, किस अधिकारी की सहमति से हुए, कितनी देर तक के लिए हुए आदि सारी जानकारी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि दीपिका भल्ला को सोमवार को जांच में शामिल होने के निर्देश दिए गए है।
जांच में शामिल होकर अपना पक्ष रखूंगी: दीपिका
एनएचएम की जिला अकाउंटेंट दीपिका भल्ला के साथ संपर्क करने पर बताया कि जिला वेलफेयर अफसर डा. लखविंदर सिंह अठवाल द्वारा उन्हें उक्त मामले की जांच संबंधी बुलाया गया है। वह जांच में शामिल होकर अपना पक्ष रखेगी।