सतलुज दरिया उफान पर, शाहकोट के बाउपुर गांव में घुसा पानी
रोपड़ डाउन स्ट्रीम में रिकार्ड 60000 क्यूसेक पानी आ जाने से सतलुज दरिया उफान पर है। दरिया के खतरे के निशान से नीचे होने के बावजूद शाहकोट क्षेत्र के गांव बाउपुर में दरिया किनारे कटान होने से गांव में पानी पहुंचने लगा है। स्थिति को भांपते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने दरिया किनारे डेरा डाल दिया है।
जासं, जालंधर : रोपड़ डाउन स्ट्रीम में रिकार्ड 60000 क्यूसेक पानी आ जाने से सतलुज दरिया उफान पर है। दरिया के खतरे के निशान से नीचे होने के बावजूद शाहकोट क्षेत्र के गांव बाउपुर में दरिया किनारे कटान होने से गांव में पानी पहुंचने लगा है। स्थिति को भांपते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने दरिया किनारे डेरा डाल दिया है। हालांकि हिमाचल में बारिश थमने के कारण सतलुज दरिया में जिस तेजी के साथ लेवल बढ़ा था, अब निरंतर गिरने लगा है। फिर भी एहतियातन प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
¨सचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 46000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं, जबकि कल दोपहर 3 बजे तक रोपड़ डाउन स्ट्रीम में 56000 क्यूसेक पानी पहुंच चुका था, जो आज बढ़कर 60 हजार क्यूसेक पहुंच गया था। हिमाचल में बारिश थम जाने के कारण स्थिति में सुधार दिखने लगा है। सतलुज दरिया में रात 10 बजे डाउन स्ट्रीम से छोड़ा पानी पहुंच गया था।
डिप्टी कमिश्नर व¨रदर कुमार शर्मा ने सतलुज दरिया में निचले स्थानों पर रहने वालों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा था। हालातों को देखते हुए फिल्लौर, नकोदर व शाहकोट के एसडीएम को हाई अलर्ट कर दिया गया है।
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शाहकोट में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
सतलुज दरिया में पानी भरने से गांव बाउपुर की बुरजी को लगी सेंध
संवाद सूत्र, शाहकोट : पंजाब और हिमाचल में लगातार बारिश से पीछे से पानी बढ़ने के कारण सतलुज दरिया में पानी गत रात्रि पानी छोड़ा गया। इसके चलते सभी अधिकारियों ने सतलुज दरिया के मार्ग में स्थिति काबू करने का कार्य शुरू कर दिया। गांव बाउपुर की बुरजी नंबर 88 हजार पर मंगलवार सुबह सेंध लगनी शुरू हो गई। तुरंत सिविल और पुलिस प्रशासन ने अपने-अपने क्षेत्र में सतलुज दरिया किनारे डेरा लगा दिया।
इस मौके पर एसडीएम नवनीत कौर बल्ल, डीएसपी शाहकोट दिलबाग ¨सह, ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन राम रतन फगवाड़ा, सहायक इंजीनियर सुख¨वदर ¨सह, सहायक इंजीनियर राजेंद्र शर्मा, सहायक इंजीनियर र¨वदर ¨सह, जूनियर इंजीनियर अमृतपाल ¨सह, एई जसपाल ¨सह, जेई चेतनवीर ¨सह और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में गांव के लोगों के सहयोग से उनकी टीम ने वृक्षों की टाहानियां काटकर पानी में फेंकने शुरू कर दी। इस मौके उक्त अधिकारियों ने बताया कि ढाह को रोकने के लिए सबसे पहले वृक्षों के छापे तार के साथ बांधकर दरिया में डाले जाते हैं ताकि बरम क¨टग रुक सकें। उन्होंने बताया कि इस समय 60 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है और धीरे-धीरे यह पानी कम होता जा रहा है क्योंकि पीछे से बारिश बंद होने के कारण अब स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज विभाग की ओर से हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयारियां की हुई है। इस मौके पर एसडीएम शाहकोट नवनीत कौर बल, डीएसपी शाहकोट दिलबाग ¨सह, नगर पंचायत शाहकोट के अध्यक्ष सतीश रिहान, पवन कुमार अग्रवाल पार्षद, बूटा ¨सह कलसी उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस, हरदेव ¨सह बदेशा पार्षद, गुलजार ¨सह ¨थद पार्षद, सुखदीप ¨सह सोनू कंग, टिमपी कूमरा के इलावा बड़ी गिनती में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति मौके पर उपस्थित थे और समय-समय पर स्थिति का जायजा ले रहे थे।
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ब्यास का पानी भी उफान, संत सीचेवाल ने किया दौरा
उधर, ब्यास का जल स्तर बढ़ने से किसानों के माथे पर ¨चता का लकीरें पड़ने लगी हैं। मंड क्षेत्र के लोगों ने बताया कि इस इलाके को ब्यास दरिया की मार से बचाने के लिए वातावरण प्रेमी संत बलबीर सीचेवाल ने समर्थकों समेत दौरा किया। सतलुज दरिया किनारों के साथ लगते गांवों की स्थिति जानने के लिए संत सीचेवाल ने करमूवाल पत्तन के पानी का जायजा लिया। उन्होंने किसानों को एकजुट होकर पानी से बचाव के लिए प्रयास करने को प्रेरित किया। उन्होंने मंड क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधे लगाने की बात कही ताकि जमीन का ढाह न लग सके।
इस मौके पर गांव आहली कलां से जत्थेदार श¨मदर ¨सह आहली, जत्थेदार रंजीत ¨सह, भाई बाज ¨सह तकिया, लख¨वदर ¨सह, मलकीत ¨सह, ज्ञान ¨सह, नंबरदार सुखदेव ¨सह सरूपवाल, शंकर ¨सह दारेवाल, सोढी चीमा, जोगा ¨सह सरपंच व अन्य लोग बांध की लगातार निगरानी कर रहे हैं।