Sarayu-Yamuna Express Fire: करतारपुर स्टेशन पर देर रात तक मची रही अफरा-तफरी
फ्लाइंग मेल सूरानुस्सी से आगे बढ़ी तो कोच एस-2 में धुआं उठने लगा। करतारपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले ही आग एस-1 और एस-3 में भी पहुंच गई।
जालंधर (करतारपुर), जेएनएन। जालंधर के सूरानुस्सी और करतारपुर स्टेशन के बीच सरयू-यमुना एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या-14649) में बुधवार देर रात आग लगने से करतारपुर रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया। रात 10.30 बजे से लेकर 1.55 बजे तक लाइन ब्लॉक रही। इस दौरान कोई भी ट्रेन यहां से नहीं गुजरी। ऐसे में दिल्ली से आने वाली रेलगाडिय़ों को लुधियाना, फिल्लौर और जालंधर रेलवे स्टेशनों पर रोक दिया गया था। वहीं, अमृतसर से आने वाली रेलगाडिय़ों को ब्यास स्टेशन पर रोक दिया गया था।
इस दौरान इलेक्ट्रिफिकेशन पावर को काट दिया गया था। देर रात फायर ब्रिगेड ने लिखकर दिया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। इसके बाद करीब 1.55 बजे अमृतसर से रेल ट्रैफिक चालू कर दिया गया। अमृतसर से दिल्ली की ओर एक मालगाड़ी को गुजारा गया।
पहले एस2 में लगी आग
सबसे पहले S2 में लगी थी आग। जब तक ट्रेन को रोककर डब्बों को अलग किया जाता, आग फैल चुकी थी। डब्बों को अलग करने में लगे समय के कारण आग निरंतर फैलती गई। ट्रेन के S1 S2 S3 में लगी आग तीनों ही स्लीपर कोच थे। S1 में सवार सुखदेव सिंह ने बताया कि वह टॉयलेट जाने के लिए उठे थे। ट्रेन के अंदर से जलने की बदबू आ रही थी। आग की आशंका को देखते हुए भाइयों को उठाया और शोर मचाना शुरू कर दिया कि कोच में आग लग गई है। सुखदेव की मुताबिक आग खिड़की के एक तरफ जलना शुरू हुई थी।
जालंधरः सरयू-यमुना ट्रेन के कोच एस१ में सवार सुखदेव सिंह के अनुसार आग खिड़की ओर से लगनी शुरू हुई थी।
कोच S4 सवार ओम प्रकाश कहते हैं कि वे आजमगढ़ से आ रहे हैं और करतारपुर स्टेशन से पहले ही कुछ समय ट्रेन को रोका गया था। कुछ जलने की की दुर्गंध आ रही थी। जब आग लगने का पता चला तो अफरा-तफरी मच गई। गाजियाबाद से S5 में बैठी पूजा चोपड़ा ने कहा कि जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी, चिल्लाते हुए लोग बाहर भागे। बोला- फटाफट से ट्रेन से उतरो, आग लग गई है।
एस5 में सवार पूजा चोपड़ा व अन्य दुर्घटना के बारे में जानकारी देते हुए।
1853 में शुरू हुई थी फ्लाइंग मेल
दिल्ली से अमृतसर के बीच चलने वाली सरयू-यमुना एक्सप्रेस भारत के विभाजन से पहले दिल्ली और कराची के बीच फ्लाइंग मेल के नाम से चलती थी। यह ट्रेन 1853 में शुरू हुई थी। विभाजन से पहले फ्लाइंग मेल कराची से लाहौर होते हुए दिल्ली तक जाती थी और दो शहरों के बीच सबसे तेज ट्रेन थी। 2001 में इसे बंद कर दिया गया था। बाद में इसे सरयू-यमुना एक्सप्रेस और शहीद एक्सप्रेस के नाम से शुरू किया गया। इसे अमृतसर तक विस्तारित किया गया। यह हफ्ते में चार दिन बिहार के जयनगर और अमृतसर के बीच चलती है।
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