'कोरोना वायरस बेहद खतरनाक, इसे सावधानी और आत्मविश्वास से हराएं'
जालंधर की अटवाल हाउस कॉलोनी निवासी सम्रता सचदेवा ऐसी हौसले वाली महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने कोरोना संक्रमित पूरे परिवार को सफलतापूर्वक कोरोना मुक्त करवा लिया है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस बेहद खतरनाक है। इसे मजाक में हरगिज न लें। डॉक्टरों की तरफ से बताई गई पूर्ण सावधानियां बरतने और आत्मविश्वास से कोरोना से मुक्ति संभव है। जालंधर की अटवाल हाउस कॉलोनी निवासी सम्रता सचदेवा ऐसी हौसले वाली महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमित पूरे परिवार को सफलतापूर्वक कोरोना मुक्त करवा लिया है। जून में सम्रता सचदेवा का चार सदस्यीय परिवार एवं घरेलू नौकर कोरोना संक्रमित हो गए थे। सम्रता बताती हैं कि पहले वो और उनके पति एडवोकेट मनदीप सचदेवा संक्रमित हुए तो वे दोनों एक कमरे में शिफ्ट हो गए। इसके बाद बेटियों का टेस्ट हुआ तो वे दोनों भी संक्रमित पाई गईं और फिर नौकर भी कोरोना की चपेट में आ गया।
सम्रता ने कहा कि शुरुआती दो दिन तो कुछ परेशानी वाले थे, क्योंकि बच्चे अलग कमरे में थे और इन दो दिन के दौरान उनकी दोस्त डॉ. अर्पणा ही खाना भिजवाती रही, लेकिन जब सभी संक्रमित आ गए तो पूरे घर की कमान उन्होंने खुद संभाल ली। सफाई से लेकर खाना बनाने तक, सब कुछ खुद करने लगी और डॉक्टर की हिदायत के मुताबिक देसी चाय एवं काढ़ा भी बनाती रहीं। एक-दूसरे को देते रहें हौसला उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए तो रुटीन भी बदलनी पड़ी। उनके पति ने तो सारी उम्र बेड टी नहीं पी थी, लेकिन उन दिनों तो दिन की शुरुआत ही चाय से होती थी। दिन भर रुटीन के मुताबिक चाय और काढ़ा चलता था। फलों का सेवन भी ज्यादा किया जा रहा था। यह जरूर था कि एक दूसरे को ढांढ़स बंधाते रहते थे कि सब ठीक हो जाएगा।
डॉ. अर्पणा लगातार उन्हें सलाह देती रहती थी। उनकी सलाह मुताबिक पूरा परिवार फेफड़ों की एक्सरसाइज करता था। लक्षण आते ही टेस्ट करवाएं सम्रता का निजी अनुभव है कि कोरोना को दृढ़ इच्छाशक्ति से ही हराया जा सकता है। लोग कोरोना वायरस संक्रमण को हल्के में बिल्कुल न लें। मामूली लक्षण आते ही तुरंत कोरोना टेस्ट करवाएं। डॉक्टर की सलाह लें और तमाम सावधानियां बरतें। घबराएं बिल्कुल नहीं और आत्मविश्वास से बीमारी को हराएं।