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डॉ. कंवलजीत की पेमेंट को लेकर सेहत विभाग में हाहाकार, रुक सकता है ऑफिस स्टाफ का वेतन Jalandhar News

डॉ. कंवलजीत सिंह 1982 में सेहत विभाग में तैनाती के बाद लंबी छुट्टी पर चले गए थे। सेहत विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद उन्हें डिसमिस करने के आदेश जारी किए थे।

By Edited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 01:31 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:36 AM (IST)
डॉ. कंवलजीत की पेमेंट को लेकर सेहत विभाग में हाहाकार, रुक सकता है ऑफिस स्टाफ का वेतन Jalandhar News
डॉ. कंवलजीत की पेमेंट को लेकर सेहत विभाग में हाहाकार, रुक सकता है ऑफिस स्टाफ का वेतन Jalandhar News

जागरण संवाददाता, जालंधर। महितपुर के स्वास्थ्य केंद्र में तैनात रहे डॉ. कंवलजीत सिंह की पेमेंट के मामले में अदालत के फरमान के बाद अदायगी की गाज सिविल सर्जन ऑफिस के स्टाफ पर गिर रही है। सेहत विभाग ने जिम्मेदारी तय कर अधिकारी से रिकवरी के आदेश जारी किए है। 30 सितंबर तक रिकवरी नही हुई तो सिविल सर्जन ऑफिस के मुलाजिमों व अधिकारियों का वेतन जारी करने पर रोक लगा दी जाएगी। एडवोकेट संजीव बंसल ने बताया कि डॉ. कंवलजीत सिंह 1982 में सेहत विभाग में तैनाती के बाद लंबी छुट्टी पर चले गए थे। सेहत विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद उन्हें डिसमिस करने के आदेश जारी किए थे।

1992 में अदालत में जाने के बाद 9 अप्रैल 1994 को नीचली अदालत ने डॉ. कंवलजीत सिंह के हक में फैसला सुनाया था और सरकार को उसे बहाल करने व पेमेंट करने के आदेश दिए गए। सेहत विभाग की अपील के बाद 2 अप्रैल 1997 को दोबारा फैसला डा. कंवलजीत सिंह के हक में हुआ। सेहत विभाग की ओर से भुगतान न करने के मामले को लेकर डॉ. कंवलजीत ने फिर से केस किया। मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सेहत विभाग को एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद अदालत ने 5 अप्रैल 2019 को सिविल सर्जन दफ्तर की नीलामी करवा डॉ. कवलजीत सिंह को करीब 87 लाख रुपये भुगतान करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद सेहत विभाग ने करीब 48 लाख रुपये डॉक्टर के खाते में जमा करवा दिए हैं। अभी विभाग ने इस राशि पर बनता ब्याज जमा करवाना है।

सेहत विभाग के अधिकारियों ने अदालत में ब्याज के तकरीबन 38,14,163 रुपये तथा जुर्माने के एक लाख रुपये जल्द जमा करवाने का बयान दिया है। डॉ. कंवलजीत सिंह को भुगतान करने के बाद सेहत विभाग ने संबंधित केस को लेकर जिम्मेदारी तय कर रिकवरी करने के आदेश जारी किए थे। 27 साल बाद जिम्मेदार अधिकारी न मिलने की वजह से सिविल सर्जन ऑफिस ने चुप्पी साधे रखी और विभाग ने जुलाई माह के वेतन पर रोक लगा दी। मुलाजिमों में हाहाकार मचने के बाद सेहत विभाग की डायरेक्टर ने यह अवधि बढ़ाई। सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. जसपाल कौर की ओर से जारी पत्र में रिकवरी की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी है। अगर 30 सितंबर तक रिकवरी नही हुई तो दोबारा वेतन रोकने की हिदायतें दी हैं।
 

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