ट्रांसपोर्ट नगर की 60 करोड़ से सुधरेगी दशा, काला संघिया ड्रेन सुंदरीकरण प्रोजेक्ट को भी मंजूरी
60 करोड़ रुपये से ट्रांसपोर्ट नगर की 23 किलोमीटर लंबी सड़कों को दोबारा बनाया जाएगा। पूरा सीवरेज सिस्टम बदला जाएगा और बरसाती सीवर भी डाला जाएगा।
जालंधर, जेएनएन। ट्रांसपोर्ट नगर के विकास पर स्मार्ट सिटी कंपनी 60 करोड़ रुपये खर्च करेगी। ट्रांसपोर्ट नगर के विकास का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी में शामिल करके सड़क, सीवरेज, अंडरग्राउंड डक्टिंग व बरसाती सीवरेज पर काम होगा। साथ ही जमशेर में आठ करोड़ रुपये से मृत जानवरों को डिस्पोज ऑफ करने के प्रोजेक्ट का भी प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा काला संघिया ड्रेन के सुंदरीकरण पर भी 40 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दीपर्वा लाकड़ा के साथ समीक्षा बैठक में सांसद चौधरी संतोख सिंह ने पुराने प्रोजेक्ट्स की स्टेट्स रिपोर्ट ली और नए प्रोजेक्ट के प्रस्ताव की भी समीक्षा की।
नए प्रोजेक्टस में ट्रांसपोर्ट नगर को दोबारा विकसित करने का 60 करोड़ का प्रोजेक्ट सबसे बड़ा है। सांसद चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि 60 करोड़ रुपये से ट्रांसपोर्ट नगर की 23 किलोमीटर लंबी सड़कों को दोबारा बनाया जाएगा। पूरा सीवरेज सिस्टम बदला जाएगा और बरसाती सीवर भी डाला जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर में बिजली, टेलीफोन समेत सभी तरह की तारों को डक्टिंग से अंडरग्राउंड किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर का पूरी तरह से विकास करके ट्रांसपोर्ट कंपनियों को भी शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट किया जा सकेगा।
सांसद ने कहा कि बर्ल्टन पार्क में स्पोर्ट्स हब, स्मार्ट क्लास रूम, 31 पार्कों को विकसित करने के प्रोजेक्ट भी काफी आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने सरफेस वाटर प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की और कहा कि 808 करोड़ के सरफेस वाटर प्रोजेक्ट से 2036 तक शहर में पानी की सप्लाई की मांग पूरी हो सकेगी।
काला संघिया ड्रेन का 40 करोड़ से सुंदरीकरण होगा
पर्यावरण संरक्षण के तहत शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 40 करोड़ रुपये से काला संघिया ड्रेन का सुंदरीकरण किया जाएगा। इसके तहत ड्रेन को किनारों से पक्का किया जाएगा। ड्रेन में किनारों को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करेंगे और लोगों के बैठने के लिए बेंचों का इंतजाम भी होगा। ड्रेन में सीवरेज और इंडस्ट्री का गंदा पानी डाले जाने से रोकने के लिए एनजीटी के सख्त आदेश हैं। जानवरों की बाडी को डिस्पोज करने को जमशेर में खर्च होंगे आठ करोड़ सांसद ने बताया कि मृत जानवरों के शरीर को डिस्पोज ऑफ करने के लिए फिलहाल कोई इंतजाम नहीं है। मृत जानवरों के शवों को पक्षियों के खाने के लिए खुला छोड़ दिया जाता है जिससे पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। इसलिए तय किया है कि जमशेर में बाडी डिस्पोज ऑफ के लिए प्लांट लगाया जाएगा। यहां वैज्ञानिक तरीके से मृत जानवरों को डिस्पोज ऑफ किया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत यह सुविधा भी दी जाएगी कि शहर मे कहीं भी अगर जानवर की मौत होती है तो उसकी बॉडी को प्लांट तक लाने का इंतजाम भी होगा।