अंधेरः सचिव आरटीए की सरकारी गाड़ी में नकली आरटीए करता रहा चेकिंग
नकली सचिव आरटीए का मंगलवार तड़के उस समय भंडाफोड़ हो गया जब नकली सचिव ने एक न्यूज पोर्टल के पत्रकार की कार नाके पर रोककर चालान की धमकी दे डाली।
जागरण संवाददाता, जालंधर। सचिव आरटीए की सरकारी गाड़ी का मंगलवार को जमकर दुरुपयोग हुआ। उनकी सरकारी गाड़ी में नकली आरटीए अपने दो साथियों के साथ मिलकर चेकिंग करता रहा। मामला सामने आने के बाद आरटीए में हड़कंप मच गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
सारे प्रकरण से उस समय पर्दा उठा जब नकली सचिव आरटीए ने एक न्यूज पोर्टल के पत्रकार की कार नाके पर रोककर चालान की धमकी दे डाली। इसके बाद पत्रकार ने नकली अधिकारी की वीडियो बनानी शुरू की तो सचिव आरटीए की सरकारी गाड़ी का नाके के लिए प्रयोग कर रहे तीनों लोगों ने मौके से भागने की कोशिश की। उनमें से दो तो भाग गए लेकिन ग्रामीणों की मदद से एक को मौके से काबू कर लिया गया। बताया गया है कि मामले का निपटाने के लिए लंबे समय तक पुलिस, आरटीए अधिकारियों व पत्रकार के बीच बातचीत चलती रही लेकिन बात सिरे न चढ़ पाने के कारण दोपहर बाद मौके के लाइव वीडियो वायरल कर दिया गया। ऐसे पकड़ में आया नकली अधिकारी सचिव आरटीए जालंधर के नाम अलॉट हुई सफेद रंग की सरकारी इनोवा गाड़ी-पीबी-65एच-9120 पर सवार होकर मंगलवार सुबह तीन युवक कपूरथला के थाना सुजानपुर क्षेत्र में गांव गुडानी ने निकट हाईवे पर नाका लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इनमें से एक व्यक्ति युवक पीछे की सीट पर बैठा सचिव आरटीए बना हुआ था। कुछ देर वे चालान के नाम पर लोगों से वसूली करते रहे।
इसी दौरान सुबह लगभग साढ़े छह बजे नकली डीटीओ के का¨रदे ने एक पत्रकार की गाड़ी रोककर चालान की धमकी दी तो विवाद शुरू हो गया। नकली अधिकारी होने की आशंका में पत्रकार ने उनकी वीडियो बनाना शुरू की तो दो तो गाड़ी छोड़कर भाग खड़े हुए, जबकि एक को ग्रामीणों की मदद से मौके पर ही पकड़ लिया, जिसे बाद में मौके पर पहुंचे सुजानपुर थाने के चौकी नडाला प्रभारी को सौंप दिया। चौकी प्रभारी ने मौके से सरकारी गाड़ी कब्जे में लेने के साथ ही अमन नामक एक युवक को हिरासत में ले लिया। गाड़ी से बरामद सामान को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
पुलिस हिरासत में खातिरदारी
दैनिक जागरण टीम थाना सुजानपुर दोपहर में पहुंची तो उस समय हिरासत में लिए अमन की थाने में पूरी खातिरदारी हो रही थी। वह अपने मोबाइल का बेरोकटोक प्रयोग कर रहा था। जैसे ही दैनिक जागरण के फोटो जर्नलिस्ट ने उसे कैमरे में कैद करने की कोशिश की वह बाथरूम की तरफ भाग गया। बाद में एक घंटे तक भी बाहर नहीं निकला। सरकारी गाड़ी थाने में ही खड़ी थी।
दो लोग ही थे गाड़ी में
सुजानपुर के थाना प्रभारी लखबीर सिंह ने बताया कि गाड़ी में तीन नहीं बल्कि दो लोग थे, इनमें से एक को हिरासत में ले लिया है। शिकायत करने वाला पत्रकार अभी बयान देने नहीं आया है। सरकारी गाड़ी कब्जे में ले ली गई है। सचिव आरटीए कंवलजीत सिंह ने मौखिक तौर पर उन्हें बताया है कि उनका निजी ड्राइवर अमन गाड़ी एटीओ को देने ढिलवां नाका जा रहा था। एटीओ को ये गाड़ी लेकर अमृतसर जाना था। नडाला से उसने गनमैन को साथ लेना था।
सचिव आरटीए के दावों पर उठ रहे सवाल
सचिव कंवलजीत सिंह का दावा है कि सरकारी गाड़ी को एटीओ को नाका लगाने के लिए निजी ड्राईवर के माध्यम से भेजा था। नाके के लिए एटीओ अंग्रेज सिंह अमृतसर से चल पड़े थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर एटीओ अंग्रेज सिंह ने नाका लगाने के लिए अमृतसर से चल पड़े तो मौके पर पहुंचे क्यों नहीं? वे आम दिनों की तरह ही अमृतसर स्थित अपने निवास से ऑफिस में सुबह साढ़े दस बजे पहुंचे, उस समय तक मामला तूल पकड़ चुका था। यह मामला अब ट्रांसपोर्ट विभाग चंडीगढ़ तक पहुंच चुका है। दूसरा सवाल इस बात को लेकर उठ रहा है कि इससे पहले यहां दो एटीओ रहे सुखबिंदर सिंह बराड़ व अमरीक सिंह भी रहे। इन दोनों अधिकारियों को यह गाड़ी प्रयोग के लिए कभी नहीं दी गई। यहां तक कि सुखबिंदर सिंह बराड़ तो बस से भी कई बार चंडीगढ़ जाते रहे हैं।
एटीओ को लेने भेजा था निजी ड्राइवर
सचिव आरटीए कंवलजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने सरकारी ड्राईवर विड्रा कर लिए हैं। ऐसे में उन्होंने निजी ड्राईवर अमन रखा है। नाका लगाने के लिए अमृतसर से एटीओ अंग्रेज सिंह आ रहे थे, उनके लिए अमन गाड़ी लेकर जा रहा था। रास्ते में कुछ लोगों ने उससे पूछताछ शुरू कर दी, अमन डर गया तो वह गाड़ी छोड़कर भाग गया। उसे भागना नहीं चाहिए था, यही गलती हो गई।
एटीओ का बात करने से इन्कार
एटीओ अंग्रेज सिंह अमृतसर आरटीए में तैनात हैं। वे दो दिन ही जालंधर आरटीए में आते हैं। ऑफिस पहुंचने के बाद सचिव कंवलजीत सिंह व एटीओ अंग्रेज सिंह की लगभग 10-15 मिनट बाद हुई। बाद में एटीओ मेन आफिस से ट्रैक पर गए। वहां करीब 10 मिनट रुके और उसके बाद कहीं चले गए। इस मामले के संबंध में जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।