गुरदासपुर में सरकारी स्कूलों के विद्यर्थियों को मुफ्त मिलेंगी यूनिफार्म, 523.85 लाख रुपये राशि हुई जारी
गुरदासपुर के बच्चों के लिए कुल 523.85 लाख रुपए की राशि जारी की गई है। इनमें 43807 लड़कियां 22191 एससी/एसटी लड़के 21310 बीपीएल लड़के शामिल हैं। लड़कियों के लिए 262.84 लाख एससी/एसटी लड़कों के लिए 133.15 लाख और बीपीएल लड़कों के लिए 127.86 लाख रुपए जारी किए गए हैं।
गगन बावा, गुरदासपुरः समग्र शिक्षा अभियान के तहत साल 2022-23 के दौरान सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षाओं में पढ़ती सभी लड़कियों व एससी, एसटी, बीपीएल लड़कियों को फ्री यूनिफार्म उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए जिला के अनुसार प्रति बच्चे के हिसाब से 600 रुपए जारी किए गए हैं।
जिला गुरदासपुर के बच्चों के लिए कुल 523.85 लाख रुपए की राशि जारी की गई है। इनमें 43807 लड़कियां, 22191 एससी/एसटी लड़के, 21310 बीपीएल लड़के शामिल हैं। लड़कियों के लिए 262.84 लाख, एससी/एसटी लड़कों के लिए 133.15 लाख और बीपीएल लड़कों के लिए 127.86 लाख रुपए जारी किए गए हैं। स्कूली बच्चों को वर्दी एसएमसी स्तर तक मुहैया कराई जाएंगी। वर्दियों की राशि भी सभी जिलों को जारी कर दी गई है। सभी स्कूल मेनेजमेंट कमेटियां स्टूडेंट्स के लिए वर्दियों की खरीद करेंगी।
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रंग का फैसला कमेटियां करेंगी
स्टूडेंट्स को दी जाने वाली वर्दी के रंग के बारे में फैसला स्कूल मेनेजमेंट कमेटी अपने स्तर पर खुद करेगी। यह यकीनी बनाना जरूरी है कि पूरे स्कूल के लिए एक समान वर्दी की खरीद की जाए। प्राइमरी कक्षाओं के लिए स्कूल मेनेजमेंट कमेटी अपने स्तर पर तय करेगी कि लड़कियों को पेंट शर्ट दी जानी है या सूट, सलवार व दुपट्टा दिया जाना है। कोविड को ध्यान में रखते हुए सलाह दी गई है कि वर्दियों की सिलाई कराते समय अगर कपड़ा बचता है तो बच्चों को 2-2 मास्क सिलाकर दिए जाएं। किसी भी स्थिति में डीईओ कमेटी के काम में दखल नहीं देंगे। वर्दियों की खरीद का पूरा डेटा रजिस्टर में दर्ज किया जाना है।
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स्टाक रजिस्टर में होगी एंट्री
खरीदी गई वर्दियों की एंट्री स्कूल प्रमुख स्टाक रजिस्टर में करेंगे। इसके बाद ही बच्चों को इनका आवंटन होगा। सभी बच्चों को वर्दी देने से पहले उसके पेरेंट्स के हस्ताक्षर स्टाक रजिस्टर में कराने होंगे। यह भी साफ किया गया है कि किसी भी हालत में डीईओ या बीपीईओ की ओर से सीएमसी कमेटी को किसी विशेष दुकान से स्टूडेंट्स को वर्दियां खरीदने के लिखित या जुबानी निर्देश नहीं दिए जाएंगे। वर्दियों का पूरा खर्च कमेटी अपने स्तर पर करेगी। वर्दियों के आवंटन के बाद सभी स्कूल प्रमुखों को सर्टीफिकेट देना होगा कि सभी बच्चों को वर्दियां बांट दी गई हैं।