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खतरे के ट्रैक पर सुरक्षा दीवार बनकर खड़े हुए आरपीएफ के जवान

ोजाना अपने जीवन को खतरे में डालकर रेलवे सिटी स्टेशन पर ट्रैक पार करने वाली फैंटनगंज ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं की सुरक्षा के लिए सोमवार को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान सुरक्षा दीवार बनकर स्टेशन पर खड़े रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 09:54 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 09:54 AM (IST)
खतरे के ट्रैक पर सुरक्षा दीवार बनकर खड़े हुए आरपीएफ के जवान
खतरे के ट्रैक पर सुरक्षा दीवार बनकर खड़े हुए आरपीएफ के जवान

जागरण संवाददाता, जालंधर : रोजाना अपने जीवन को खतरे में डालकर रेलवे सिटी स्टेशन पर ट्रैक पार करने वाली फैंटनगंज ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं की सुरक्षा के लिए सोमवार को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान सुरक्षा दीवार बनकर स्टेशन पर खड़े रहे। आरपीएफ इंस्पेक्टर पीके वर्मा के नेतृत्व में स्कूल खुलने व छुट्टी के दौरान आरपीएफ के जवान काजी मंडी साइड के साथ ही स्टेशन में प्रवेश करने वाले हर रास्ते पर तैनात कर दिए थे, ताकि कोई भी छात्रा स्टेशन में प्रवेश न कर पाए। आरपीएफ की सख्ती के बाद उन्हें लगभग एक किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ा।

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गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने 21 अक्टूबर के अंक में इस मामले को प्रमुखता से छापा था। पिछले कई सालों से काजी मंडी, अमरीक नगर, बलदेव नगर, संतोषी नगर क्षेत्र की लगभग 300-400 छात्राएं खतरे के बीच ट्रैक पार करती हैं। अल्फा महेन्द्रू फाउंडेशन के संस्थापक रमेश महेन्द्रू व सचिव ललित मेहता पिछले कई सालों से बेटियों की सुरक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन न रेलवे ने कभी गंभीरता दिखाई न आरपीएफ ने। उन्होंने आरपीएफ इंस्पेक्टर से भी ट्रैक पार करते समय बेटियों की सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

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अमृतसर हादसे के बाद हरकत में आरपीएफ

हाल ही में अमृतसर में दशहरा के दौरान हुए हादसे को देखते व दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के बाद आरपीएफ सोमवार को हरकत में दिखाई दिया। इंस्पेक्टर पीके वर्मा ने सुबह सबसे पहले स्कूल की ¨प्रसिपल को नोटिस थमा दिया, जिसमें कहा गया है कि स्कूल के बच्चों को जागरूक किया जाए कि वे ट्रैक से न गुजरें, कोई हादसा हुआ तो स्कूल प्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार होगा। नोटिस का असर ये रहा कि स्कूल की हर कक्षा में छात्राओं को आरपीएफ का ये संदेश भिजवा दिया, उधर छुट्टी व स्कूल खुलने के समय स्टेशन के दोनों ओर आरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए।

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छात्राओं को तय करना पड़ा एक किलोमीटर लंबा सफर

आरपीएफ की सख्ती के बाद छात्राओं को सिटी स्टेशन से काजीमंडी की ओर जाने वाले ओवरब्रिज से होकर जाना पड़ा, इस रास्ते से छात्राओं को अपने घर जाने के लिए लगभग एक से लेकर डेढ़ किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ा। हालांकि पुल पर ट्रैफिक का भारी दबाव भी छात्राओं के लिए कम खतरनाक नहीं है।

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सीपी से मिलेंगे अल्फा महेंद्रू फाउंडेशन के सदस्य

इस मामले को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रही अल्फा महेंद्रू फाउंडेशन के संस्थापक रमेश महेंद्रू, सचिव ललित मेहता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत ¨सह भुल्लर से मुलाकात कर मांग करेंगे कि पुल पर स्कूल की छुट्टी के समय ट्रैफिक पुलिस की आधा घंटा के लिए तैनाती की जाय ताकि पुल व ट्रैफिक का काफी दबाव होने के कारण कोई हादसा न होने पाए। संस्था ने आरपीएफ के फैसले का स्वागत किया।

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कोट्स लगाए.......

फिलहाल 15 दिन तक आरपीएफ के जवान छात्राओं को स्टेशन में प्रवेश नहीं करने देंगे। छात्राओं के साथ उनके मां-बाप को भी जागरूक किया जाएगा, ताकि वे ट्रैक के रास्ते को हमेशा के लिए छोड़कर सुरक्षित रास्ते से ही छात्राएं स्कूल में आ जा सकें।

-पीके वर्मा, प्रभारी इंस्पेक्टर आरपीएफ थाना, सिटी स्टेशन


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