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अकाली दल में नाराजगी और बढ़ी, कपूरथला सीट बसपा को देने का असर जालंधर में भी पड़ेगा

कपूरथला विधानसभा सीट बहुजन समाज पार्टी को देने का नतीजा अकाली दल को जालंधर कैंट सीट पर भुगतना पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 08:00 AM (IST)
अकाली दल में नाराजगी और बढ़ी, कपूरथला सीट बसपा को देने का असर जालंधर में भी पड़ेगा
अकाली दल में नाराजगी और बढ़ी, कपूरथला सीट बसपा को देने का असर जालंधर में भी पड़ेगा

जागरण संवाददाता, जालंधर : कपूरथला विधानसभा सीट बहुजन समाज पार्टी को देने का नतीजा अकाली दल को जालंधर कैंट सीट पर भुगतना पड़ सकता है। जालंधर कैंट सीट से अकाली दल की टिकट के दो बड़े दावेदार पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ और एचएस वालिया को उम्मीद थी कि उन्हें कपूरथला सीट पर एडजस्ट किया जा सकता है। अब यह सीट भी बसपा को दे दी तो दोनों ही नेता और उनके समर्थक निराश हैं। हालांकि दोनों मामले में खुलकर नहीं बोल रहे हैं और पार्टी का साथ देने की बात कर रहे हैं लेकिन इनकी निराशा पार्टी के घोषित उम्मीदवार जगबीर सिंह बराड़ पर भारी पड़ सकती है। इस बीच सरबजीत सिंह मक्कड़ कैंट हलके में लगातार सक्रिय हैं। गांव लोहारां में उनके समर्थकों ने मीटिंग कर पार्टी हाईकमान से एक बार फिर अपील की कि कैंट हलके से मक्कड़ को टिकट दी जाए। इससे साफ हो रहा है कि अगर मक्कड़ और उनके समर्थकों के तेवर ऐसे ही बागी रहे तो जगबीर बराड़ के लिए कैंट में राह कठिन हो सकती है। अकाली दल उम्मीदवारों की लगातार घोषणा कर रहा है लेकिन इससे नाराजगी भी पैदा हो रही है। कैंट में आधे से ज्यादा एरिया अब शहरी है और मक्कड़-वालिया इसी वर्ग का नेतृत्व करते हैं। ऐसे में शहरी वर्ग का वोट कैंट हलके में निणार्यक रह सकता है। आम आदमी पार्टी, भाजपा और बागी इस सीट पर महत्वूपर्ण रहेंगे।

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वालिया ने कहा-पार्टी ने ही कपूरथला भेजा था

अकाली नेता एचएस वालिया ने कहा कि पार्टी ने उन्हें कपूरथला सीट पर काम करने के लिए भेजा था और वह पार्टी के निर्देश के बाद वहां पर लगातार जनसंपर्क अभियान पर थे। कपूरथला में अच्छा आधार बन गया है लेकिन अब जब पार्टी ने यह सीट बहुजन समाज पार्टी को दे दी है तो कार्यकर्ताओं में निराशा है। पार्टी का जो फैसला है उसके साथ जाएंगे।

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मेरा अभी भी कैंट सीट पर दावा : मक्कड़

पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ ने कहा कि कपूरथला सीट पर पार्टी का फैसला अपना है लेकिन वह अभी भी कैंट सीट पर दावा रखते हैं। उनके समर्थक भी लगातार मीटिग में बुला रहे हैं और सभी जगह से अपील है कि जगबीर बराड़ की जगह उन्हें टिकट दी जाए। 12 सितंबर को अगली रणनीति के लिए बुलाई गई मीटिग को फिलहाल आगे बढ़ाया जा रहा है क्योंकि अकाली दल और किसान संगठनों में जो टकराव की स्थिति चल रही है उसे देखते हुए यह मीटिग करना ठीक नहीं रहेगा। अकाली दल ने भी अपनी कुछ मीटिग कैंसिल की है।

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आजाद उतरकर बराड़ का खेल बिगाड़ सकते हैं मक्कड़

टिकट कटने के बावजूद मक्कड़ ने कैंट में अपनी गतिविधियां कम नहीं की हैं उनके समर्थकों की रोजाना मीटिग हो रही है। ऐसी चर्चा है कि सरबजीत सिंह मक्कड़ जालंधर कैंट हलके से आजाद रूप से चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो जगबीर बराड़ के लिए रास्ता कठिन हो सकता है। मक्कड़ अगर जीतने की स्थिति में नहीं होंगे तो भी इतने वोट ले जाएंगे कि अकाली दल का रास्ता मुश्किल कर दें।

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लोहारां में उठी मक्कड़ को उम्मीदवार बनाने की मांग

पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ को कैंट हलके से अकाली दल का उम्मीदवार बनाने की मांग गांव लोहारां में उठी है। यहां पर पूर्व जिला परिषद मेंबर कुलवंत सिंह ठेठी, सतविदर सिंह मीरपुर और नंबरदार हरनेक सिंह ने संयुक्त रूप से मीटिग का आयोजन करके सरबजीत सिंह मक्कड़ के लिए टिकट की मांग की है। इन नेताओं ने कहा कि पार्टी ने जब जगबीर बराड़ को टिकट दी तो उन्हें जिताया था लेकिन वह पार्टी छोड़ कर पहले पीपीपी और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। मक्कड़ साढ़े चार साल से लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। मीटिग में परमिदर सिंह, कुलदीप बावा, हरदीप सिंह, सरबजीत बाठ, ओंकार सिंह, गुरजीत सिंह, सविदर सिंह, सुख्मनी सिंह, नंबरदार हरदेव सिंह भूपिदर सिंह, अवतार सिंह मौजूद रहे।

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शहर में भी नाराज नेता एकजुट होने लगे

सिर्फ कैंट सीट को लेकर ही नहीं शहर में अकाली नेताओं में भी नाराजगी बनी हुई है। यह नाराज नेता एकजुट होने लगे हैं। बुधवार को पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया, अकाली दल बीसी विग के प्रधान अमरजीत सिंह किशनपुरा, गुरदेव सिंह गोल्डी भाटिया, जसविदर सिंह जस्सा, जयदीप सिह बाजवा, सतनाम सिंह और जसकरण सिंह ने मीटिग की है। भाटिया ने कहा कि 2022 चुनाव में अकाली दल बहुमत के साथ सरकार बनाएगा। यह सभी नेता पार्टी की ही बात कर रहे हैं लेकिन यह संकेत भी दे दिया है कि नाराज नेता अब एक मंच पर आने लगे हैं।


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