काटजू बोले-अनुसूचित जाति को आरक्षण की जरूरत नहीं, विरोध में लगे नारे
अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने फिर एक एेसा बयान दिया है जिससे वह लोगों के निशाने पर आ गए।
जेएनएन, जालंधर। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने फिर एक एेसा विवादित बयान दिया है, जिससे वह लोगों के निशाने पर आ गए। डॉ. भीमराव आंबेडकर के 128वें जन्मदिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व जस्टिस काटजू ने कहा कि अनुसूचित जाति को आरक्षण की जरूरत ही नहीं है। सियासी लोग अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण के नाम पर इस्तेमाल करते हैं। जैसे ही उन्होंने अपना भाषण खत्म किया, वहां लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर पुलिस फोर्स तैनात करनी पड़ी।
भाषण की शुरुआत में ही काटजू ने स्पष्ट किया था कि वह अपनी अभिव्यक्ति बयां करने जा रहे हैं। शहर में पहली बार पहुंचे जस्टिस काटजू ने कहा कि गरीबी में अधिकारों के लिए आवाज बुलंद नहीं की जा सकती। देश में अपनी अभिव्यक्ति बयां करते ही गिरफ्तार कर लिया जाता है।
काटजू ने देश में मिलीजुली सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि सियासत में पैसे से प्रेम है, राष्ट्र से नहीं। यही कारण है कि वह चुनाव में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा कि आरक्षण के नाम पर अनुसूचित जाति के लोगों को इस्तेमाल किया जाता है। वोट की राजनीति भी जाति आधारित हो गई है। अगर अनुसूचित जाति के लोग आरक्षण को छोड़कर मेहनत के साथ जुट जाएं तो उन्हें इसकी जरूरत ही नहीं रहेगी।
जस्टिस काटजू के बयान से असहमत लोग उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें मंच से उतारने की मांग करने लगे। इस पर पंजाब सफाई मजदूर फेडरेशन के प्रधान चंदन ग्रेवाल ने विरोध करने वालों को समझा कर शांत किया।
काटजू पर बरसे डॉ. आंबेडकर चेतना मार्च कमेटी के सदस्य
विरोध बढ़ा तो डॉ. आंबेडकर चेतना मार्च कमेटी के सदस्य डॉ. सुरिंदर कुमार को मंच पर आकर अपनी बात रखने को कहा गया। डॉ. सुरिंदर ने जस्टिस काटजू के बयानों पर जमकर भड़ास निकाली। इसके बाद भी गुस्सा शांत न हुआ तो पंडाल के बाहर जाकर नारेबाजी शुरू कर दी।
जस्टिस काटजू के विवादित बयान
- महात्मा गांधी ब्रिटिश तथा नेता जी सुभाष चंद्र बोस जापानी एजेंट थे।
- मैं वोट नहीं देता, लेकिन आपकी प्रत्याशी शाजिया इल्मी सुंदर है, जिसके चलते उन्हें वोट दूंगा।
- 90 प्रतिशत भारतीय बेवकूफ हैं, जो धर्म के नाम पर बहकावे में आ जाते हैं।
- फिल्मी सितारे व क्रिकेटरों को भारत रत्न देना सम्मान का मजाक, इनका कोई सामाजिक सरोकार नहीं।
- रियलिटी शो में सनी लियोनी की भूमिका पर लोगों द्वारा आपत्ति जताने पर, सनी लियोनी का समर्थन किया।