सुनिए सरकार, पंजाब की पुकार; पर्यावरण पर विजन डाक्यूमेंट पेश कर जिम्मेदारी हो तय
पंजाब में 10 मार्च को तय हो जाएगा कि नई सरकार किसकी बन रही है। ऐसे में जनता ने दैनिक जागरण के माध्यम से कुछ मुद्दे तय किए हैं जिनका हल सरकार को करना होगा। इनमें पर्यावरण संरक्षण भी मुख्य मुद्दा है।
जासं, जालंधर। पंजाब में हवा, पानी और जमीन में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। विडंबना यह है कि किसी भी चुनाव में पर्यावरण मुद्दा नहीं होता.. और न ही सरकार बनने पर उसकी उच्च प्राथमिकता में, इसलिए दैनिक जागरण ने अपने अभियान ‘सुनिए सरकार, पंजाब की पुकार’ के तहत पर्यावरण के मुद्दे पर प्रदेश भर में जनता की सरकार से अपेक्षा जाननी चाही।
राउंड टेबल कांफ्रेंस, वेबिनार और फेसबुक लाइव के माध्यम से पर्यावरण विशेषज्ञों व बुद्धिजीवियों से राय ली गई। महत्वपूर्ण बात निकल कर सामने आई कि सरकार पर्यावरण संरक्षण पर अपना विजन डाक्यूमेंट बनाकर सार्वजनिक करे। विभागों व अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करे। इस जिम्मेदारी पर खरा न उतरने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों ने उम्मीद जताई कि आने वाली सरकार पहले की सरकारों की तुलना में अधिक संवेदनशील होकर काम करेगी, ताकि पंजाब को उसका पुराना स्वरूप मिल सके।
पर्यावरण संरक्षण के लिए ये है जनता का दस सूत्रीय एजेंडा
- पराली का निदान: अलग से बोर्ड या मंत्रलय का गठन हो। अलग से बजट का प्रविधान किया जाए।
- वृक्षों की संभाल: पेड़ों को काटने के बजाय उन्हें ट्रांसप्लांट किया जाए। पौधरोपण के बाद उनकी संभाल पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- नदी जल प्रदूषण: हर शहर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगे। अवैध खनन रोकने व फैक्टियों के दूषित पानी के निस्तारण की नीति बने।
- पालीथिन से मुक्ति: प्रतिबंध को हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ की तरह सख्ती से लागू किया जाए। डिस्पोजेबल सामग्री बैन हो।
- भूजल का गिरता स्तर: रेन वाटर हार्वेस्टिंग व वाटर री-साइकलिंग को अनिवार्य किया जाए। धान का क्षेत्र कम किया जाए।
- कूड़ा प्रबंधन: सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो। गीला व सूखा कूड़ा अलग करना अनिवार्य हो।
- शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी: पर्यावरण पर विजन डाक्यूमेंट बने, विभागों व अफसरों की जिम्मेदारी, जवाबदेही तय हो। जिला कमेटियों को प्रभावी बनाएं।
- तर्कसंगत शोध: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और शोध को और तर्कसंगत बनाया जाए। धान की शार्ट टर्म वैरायटी तैयार हों।
- स्कूलों में गंभीरता: पर्यावरण के विषय को स्कूलों में विस्तार से पढ़ाया जाए, ताकि बच्चों में बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति समझ विकसित हो।
- कृषि में बदलाव: कीटनाशकों और रासायनिक खाद का इस्तेमाल सीमित किया जाए। जैविक कृषि के लिए क्षेत्र निर्धारित किया जाए।
ट्विटर पर मिले सुझाव
- आने वाली सरकार से पंजाब के सामने आने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने की उम्मीद है। प्रदूषण में कमी और हरित पहल मुख्य फोकस होना चाहिए। -डा. जसपाल सिंह संधू, वाइस चांसलर, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर।
- बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाना चाहिए। जंगलों को बचाना होगा। -रोहित मेहरा, प्रसिद्ध पर्यावरणविद, अमृतसर।
- सरकार को पेड़ों की कटाई पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए और सरकार को उचित योजना बनानी चाहिए। पराली जलाना बंद किया जाना चाहिए। -रोहन मेहरा, एंटी क्राइम एंड एंटी एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के चेयरमैन।
- शिक्षा हर स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकार को प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए वनों की कटाई रोकने पर ध्यान देना चाहिए। -प्रियंका गोयल, मैनेजमेंट एडवाइजर।
- किसानों को पराली से प्रदूषण के समाधान में भागीदार बनाएं। -सुखजिंदर रोमाणा।
- सरकार पराली जैसी समस्या पर ध्यान दे, किसानों को जागरूक करे और उनकी इस समस्या को समझकर सहायता करे। -जसप्रीत सिंह अरोड़ा
- साइकिलिंग जरूरी की जाए। यह स्वास्थ्य के लिए भी बेस्ट है। -आशनी कुमार, साइंस सिटी कपूरथला।
- हमें कृत्रिम साधनों का त्याग व प्राकृतिक संसाधनों को अंगीकार करना होगा, तब जाकर साफ-सुथरा पंजाब बनाने का सपना साकार होगा। -प्रेम बल्लभ त्रिपाठी
- सरकार को कारखानों से निकले पानी को नदियों में जाने से रोकना होगा। वनों को बचाना होगा। लोगों को पौधारोपण के लिए प्रेरित करना होगा। -संगीता भंडारी
वाट्सएप पर आए सुझाव
- शुद्ध हवा और पानी चाहिए तो प्रशासन को शहर से गंदगी को खत्म करना होगा। हर क्षेत्र में सफाई कर्मचारी जरूर होना चाहिए। नगर निगम को स्थायी सफाई कमियों की नियुक्ति करनी चाहिए। -दीपक लखनपाल
- सरकार को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियानों पर जोर देना चाहिए। प्लास्टिक बैग्स, प्लास्टिक की बोतल आदि के प्रयोग को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। फलों और सब्जियों के वेस्ट को खाद के रूप में उपयोग के लिए बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। -डा. सुनंदन सूद, तरनतारन
- पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार को वनों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए। साथ ही सड़कों के किनारे कम ऊंचाई वाले पेड़ लगाने चाहिए। किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। पराली के अन्य कार्यो में उपयोग के लिए फैक्टियां लगाई जानी चाहिए। -सुरजीत सिंह हांडा, जालंधर
- पंजाब के पर्यावरण को सही स्थिति में रखने के लिए इसे क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के सख्त से सख्त सजा का प्रविधान होना चाहिए। जमीनी स्तर पर टीमों की ओर से निरीक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। -अचल दत्त शर्मा, बरनाला
- पर्यावरण को बचाने के लिए सभी का सहयोग लेने के साथ ही इसे क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कानून बने और प्रभावी ढंग से लागू हो। पर्यावरण के दुश्मनों के खिलाफ कड़ा आर्थिक दंड लगाया जाना चाहिए। -तलविंदर शास्त्री, मालेरकोटला
- फैक्टियों से निकलने वाला दूषित जल हमारी नदियों और पर्यावरण को बुरी तरह प्रदूषित कर रहा है। नई सरकार को ऐसी फैक्टियों का लाइसेंस रद कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। -निरपाल सिंह, लुधियाना
- पेड़ों की कटाई रोकी जानी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए। -संजीव कुमार सिंगला, बठिंडा