जालंधर की मकसूदां सब्जी मंडी में रेंट माफिया सक्रिय, अधिकारियों की नाक के नीचे करते हैं मनमानी
जालंधर की मकसूदां मंडी में रिटेल फड़ियों पर रोजाना होने वाले लाखों रुपये के कारोबार के बावजूद जिला मंडी बोर्ड को कोई अदायगी नहीं हो रही है।
जालंधर [शाम सहगल]। मकसूदां सब्जी मंडी में रेंट माफिया का डंका चलता है। यहां पर मर्जी से फड़ियां लगवाने से लेकर रेंट माफिया को अदायगी न करने वालों की फड़ी न लगने देने का खेल विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जारी है। खास बात यह है कि जिस फड़ पर अवैध रूप से फड़ियां लगाई जा रही है, वहां से चंद कदमों की दूरी पर ही जिला मंडी बोर्ड का आफिस भी है।
90 के दशक में पटेल चौक से मकसूदां में थोक सब्जी व फल मंडी को शिफ्ट किया गया था। यहां पर थोक कारोबार के साथ-साथ रिटेल में भी फड़ियां लगा दी गईं। इन रिटेल फड़ियों पर रोजाना होने वाले लाखों रुपये के कारोबार के बावजूद जिला मंडी बोर्ड को कोई अदायगी नहीं हो रही है, जबकि इनके कारण मंडी में फैलने वाली गंदगी पर मंडी बोर्ड का भारी भरकम खर्च हो रहा है। इसके चलते जिला मंडी बोर्ड ने इन फड़ियों को मंडी के पीछे पड़ी जगह पर शिफ्ट करके किराया वसूलने का प्लान तैयार किया। राजनीतिक दखलंदाजी के चलते यह संभव नहीं हो सका।
इधर, पिछले दिनों कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन के आदेशों पर इन फड़ियों हटा दिया था। अनलॉक प्रक्रिया के चलते इन्हें शुरू करने की इजाजत देने के बाद भी मंडी बोर्ड द्वारा इन फड़ियों से किसी तरह की वसूली नहीं की जा सकी, जिसका रेंट माफिया जमकर लाभ उठा रहा है। मंडी के पीछे बनी फड़ पर रोजाना 200 के करीब फड़ियां सजाई जा रही हैं।
अवैध फड़ियों से कोरोना संक्रमण का खतरा
यहां पर शारीरिक दूरी के नियमों की अवहेलना के साथ ही स्वच्छता नियमों को भी दरकिनार किया जा रहा है। यहां पर तड़के से लेकर दिन भर विक्रेताओं तथा खरीदारों की भारी भीड़ संक्रमण को दावत दे रही है।
मार्केट कमेटी के सचिव ने कहा, नहीं लग रही फड़ियां
इस संबंध में बात करने पर मार्केट कमेटी के सचिव सुरिंदरपाल बताते हैं कि मकसूदां सब्जी मंडी में अवैध फड़ियां पुलिस की मदद से हटा दी गई है। इक्का-दुक्का फड़ियों को भी यहां से हटा दिया जाएगा।
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