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समाज को सुधारना है तो बच्चों को दे आध्यात्म का ज्ञान : गौरव शास्त्री

कथा व्यास आचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी महाराज ने कहा कि समाज का सुधार करने वालों को पहले खुद को सुधारना होगा। कारण, समाज सुधार के सही मायने को जानने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 09:46 PM (IST)
समाज को सुधारना है तो बच्चों को दे आध्यात्म का ज्ञान : गौरव शास्त्री
समाज को सुधारना है तो बच्चों को दे आध्यात्म का ज्ञान : गौरव शास्त्री

जागरण संवाददाता, जालंधर : कथा व्यास आचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी महाराज ने कहा कि समाज का सुधार करने वालों को पहले खुद को सुधारना होगा। कारण, समाज सुधार के सही मायने को जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सही मायनें में अगर बच्चों को अध्यात्म के साथ जोड़कर सुधार दिया जाए तो समाज स्वयं ही सुधर जाएगा। श्री बांके बिहारी भागवत प्रचार समिति की तरफ से साईं दास स्कूल की ग्राउंड, पटेल चौक में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन उन्होंने समाज सुधार पर विशेष जोर दिया। इस मौके जागरण प्रकाशन लिमिटेड ग्रेटर पंजाब के मुख्य महाप्रबंधक मो¨हदर कुमार, जागरण प्रकाशन लिमिटेड के महाप्रबंधक नीरज शर्मा, वरिष्ठ समाचार संपादक विजय गुप्ता, रीजनल मैनेजर मार्के¨टग हनीश कुमार धवन व पंजाबी जागरण के एजीएम अजय जैरथ विशेष रूप से शामिल हुए।

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श्रीमद्भागवत कथा का आगाज उन्होंने श्री बांके बिहारी जी की आरती उतारने के साथ किया। इसके उपरांत 'मुरली मोहन राधे गो¨बदा' तथा 'गो¨बद हरे, गोपाल हरे' का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि हरि कृपा से ही सत्संग में जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कहा कि कण-कण में बांके बिहारी का वास होता है, जरूरत है केवल उन्हें महसूस किए जाने की।

उन्होंने कहा कि यहां पर कथा बाद दोपहर चार बजे शुरू होती है, जबकि बांके बिहारी दोपहर तीन बजे ही शहर की गलियों में घूमने लगते है। जिस प्रकार गाय अपने बछड़े के पीछे-पीछे चले आते है, ठीक इसी तरह सच्चे मन से याद करने वाले भक्तों के पीछे बांके बिहारी खुद चले आते है। उन्होंने कहा कि कथा में आना ही काफी नहीं, बल्कि बांके बिहारी के रंग में रंगने की भी जरूरत है। इस दौरान अगर एक क्षण भी इंसान ने सच्चे मन से लग्न लगा ली तो निश्चित रूप से वह वृन्दावन पहुंच जाएगा। मानव को ही मोक्ष का सौभाग्य प्राप्त

शास्त्री जी ने कहा कि एक मानव शरीर ही है जिसे मोक्ष की प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त है। जिसके चलते इस शरीर को सही दिशा में लगाए जाने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने कई कथाएं सुनाकर धर्म की पालना तथा उसके महत्व से अवगत करवाया, जिस पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ पूरा पंडाल गूंज उठा। इसके उपरांत उन्होंने भजनों की ऐसी तान छेड़ी कि उन पर श्रद्धमंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। इन्होंने भी दर्ज करवाई मौजूदगी

बृजेश कुमार जुनेजा, इंद्रा जुनेजा, महेश मखीजा, राहुल बाहरी, टोनू ¨जदल, सुनील नैय्यर, दर्शन लाल शर्मा, ¨रपी नैय्यर, उमेश ओहरी, रुपिका ओहरी, संजय सहगल, जया सहगल, संदीप मालिक, विजय शर्मा, न¨रदर वर्मा, अंकुश जुनेजा, बृजमोहन चड्ढा, बल¨वदर शर्मा, अरुण मल्होत्रा, भू¨पदर ¨सह, अश्वनी कुमार, राजबंश मल्होत्रा, राजकुमार, महेश मखीजा, तरुण सरीन, द¨वदर अरोड़ा, चंदन वढेरा, मुनीष जुनेजा, हेमंत थापर व अन्य मौजूद थे।


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