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अटल जी से था दो पीढिय़ों का नाता, उनके जाने से एक युग का अंत

पंजाब के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनोरंजन कालिया का कहना है कि उनके परिवार का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से दाे पीढ़ी का नाता था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 08:46 PM (IST)
अटल जी से था दो पीढिय़ों का नाता, उनके जाने से एक युग का अंत
अटल जी से था दो पीढिय़ों का नाता, उनके जाने से एक युग का अंत

जेएनएन, जालंधर। अटल जी एक युग पुरुष थे। वह राजनीति के लिए राजनीति नहीं करते थे, बल्कि देश के लिए सोचते थे। अटल जी से दो पीढिय़ों का नाता था और उनके चले जाने से देश को कभी न पूरा होने वाली क्षति हुई है। व्यक्तिगत रूप से पिता समान शख्सियत के चले जाने का मुझे गहरा दुख है। यह कहना है पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया का।

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मनोरंजन कालिया का कहना है, उनके पिता स्व. मनमोहन कालिया और अटल जी का दशकों लंबा साथ था। दोनों जनसंघ में एक साथ थे। बाद में अटल जी ने पिताजी को कन्वीनर बनाया। अटलजी ने देश के लिए जेल काटी, मेरे पिता मनमोहन कालिया भी फिरोजपुर जेल में बंद रहे। पिता जी और अटल जी में पत्र व्यवहार लगातार होता था। अटल जी अपने जवाब में तर्क भेजा करते थे। जब भी वे जालंधर आए पिताजी ही उनके साथ होते थे। जब पिताजी का निधन हुआ तो अटल जी विशेष तौर पर संवेदना प्रकट करने के लिए जालंधर आए।

मनोरंंजन कालिया बोले, मैैं खुशकिस्मत था कि जब अटल जी प्रधानमंत्री थे तो मैैं पंजाब का स्वास्थ्य मंत्री था। उस दौरान भी और उसके बाद भी मैं अटल जी से मिलता रहा। मात्र एक वोट के पीछे सरकार छोड़ देना और खुद पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना दुर्गा के साथ अटल जी जैसा व्यक्तित्व ही कर सकता था। अटल जी के निधन से देश की राजनीतिक के एक युग का अंत हुआ है। उनके जैसे युग पुरुष की भरपाई कर पाना मुश्किल है। अगर अटल जी के बताए मार्ग पर देश चलता है तो उसका आगे बढऩा तय है।

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ट्रेन के इंतजार में पठानकोट स्टेशन पर घंटा भर टहले थे अटल जी

पठानकोट। बात साल 1985 के पंजाब विधानसभा चुनाव की है। अटल बिहारी वाजपेयी जी पठानकोट से चुनाव लड़ रहे मास्टर मोहन लाल के लिए चुनाव प्रचार करने आए थे। सारा दिन पठानकोट में चुनावी रैली, बैठक आदि करने के बाद जब अटल जी पठानकोट रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो पता चला कि दिल्ली के लिए उनकी ट्रेन करीब एक घंटा लेट है। इसके बाद वह करीब घंटा भर रेलवे स्टेशन पठानकोट पर ट्रेन के  इंतजार में टहलते रहे थे। इस दौरान उनके साथ मास्टर मोहन लाल भी थे। मास्टर ने कांग्रेस के रामस्वरूप बागी को हराकर यह सीट जीत ली थी।

मास्टर मोहन लाल ने बताया कि बात सर्दियों के दिनों की है। रात के समय काफी कड़क सर्दी थी लेकिन इतने में अटल जी की ट्रेन लेट हो गई। इसके बाद वह दोनों स्टेशन पर ही टहलते रहे। मास्टर ने बताया कि अटल जी प्रधानमंत्री बनने से पहले कहा करते थे कि उनकी कौन सुनता है। जब वह प्रधानमंत्री बन गए तो डैम प्रोजेक्ट के दौरे के दौरान मैैं उनसे मिला और कहा कि आज तो पूरी दुनिया आपकी सुन रही है तो वे खिलखिला कर हंस पड़े थे।


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