अभिनय के दम पर रेखा ने बनाई अलग पहचान, महिलाओं के लिए पेश की मिसाल Jalandhar News
रेखा 2005 से 2007 तक मौजूदा समय की सबसे सफल महिला कॉमेडियन भारती सिंह के साथ भी परफार्मेंस दे चुकी है। वह कहती हैं कि जिंदगी का यही नारा है कि जिंदगी को जिओ और आगे बढ़ो।
जालंधर, जेएनएन। अपने दमदार अभिनय और स्टैंटअप कॉमेडी से हजारों दिलों पर राज करने वाली रेखा कश्यप आज तमाम महिलाओं के लिए एक मिसाल है। रेखा ने बचपन से अभिनय के दम पर अपनी पहचान बनाई और थियेटर को जिंदा रखा। इसके बाद तमाम टीवी चैनलों से लेकर लाफ्टर शो व थियेटर से जुड़े तमाम शो के जरिए पहचान बनाने वाली रेखा ने अभी तक जो चाहा वो किया।
रेखा 2005 से 2007 तक मौजूदा समय की सबसे सफल महिला कॉमेडियन भारती सिंह के साथ भी परफार्मेंस दे चुकी है। वह कहती हैं कि जिंदगी का यही नारा है कि जिंदगी को जिओ और आगे बढ़ो। एनसीसी के कैडेट के रूप में राष्ट्रपति पुरस्कार जीतने वाली रेखा ने पुरस्कार मिलने के बाद तय किया कि वह जिस समाज का हिस्सा हैं उस समाज में महिलाओं के हक की लड़ाई हमेशा लड़ती रहेंगी।
यही वजह है कि बतौर हास्य कलाकार उन्होंने हमेशा लोगों को समाज की बुराइओं को दूर करने के लिए जागरूक किया। यही नहीं थियेटर के जरिये भी रेखा ने समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को बखूबी से उजागर किया। समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए रेखा ने चुनाव भी लड़ा और विरोधियों को कांटे की टक्कर दी। भले ही चुनाव हार गईं, लेकिन अपना मिशन नहीं छोड़ा।
स्पेशल ओलंपिक भारत प्रोग्राम की कोऑर्डिनेटर हैं रेखा
मौजूदा समय में ओलंपिक भारत प्रोग्राम की कोऑर्डिनेटर रेखा ने अपने रिटायर्ड पिता व मां को विरसा विहार में कैफे खुलवाकर दिया है। कैफे का सारा मैनेजमेंट उसने अपने हाथ में लिया हुआ है। हास्य कलाकार, थियेटर कलाकार के साथ नेता व अभिनेत्री के अलावा समाज सेविका के रूप में रेखा लगातार आगे बढ़ रही हैं। बकौल रेखा वह कभी भी जिंदगी के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं हुई, बल्कि सब कुछ जो भगवान ने दिया अच्छा या बुरा उसे स्वीकार किया और आगे बढ़ी हैं। उसने कहा कि संघर्ष जरूरी है, नहीं तो वक्त व हालातों के मायने समझ नहीं आते हैं।
- प्रस्तुति : प्रियंका सिंह।
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