विकास कार्यो में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर मेयर का सख्त रुख, कार्रवाई की सिफारिश
मेयर जगदीश राज राजा ने ओएंडएम के उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है, जिन्होंने वार्ड नं. 77 की पार्षद सविता धीर सहित लोगों को कपूरथला रोड पर धरना लगाने के लिए मजबूर कर दिया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : मेयर जगदीश राज राजा ने ओएंडएम के उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है, जिन्होंने वार्ड नं. 77 की पार्षद सविता धीर सहित लोगों को कपूरथला रोड पर धरना लगाने के लिए मजबूर कर दिया। इस संबंध में मेयर ने कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है वाटर सप्लाई व सीवरेज विभाग के जो भी अधिकारी (जेई, एसडीओ या अन्य) इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार को लिखा जाए। उनके मुताबिक इन अधिकारियों ने लापरवाही दिखाते हुए पार्षद की परवाह नहीं की और धरना लगवा कर निगम प्रशासन को बदनाम करने का यत्न किया है।
मेयर ने पत्र में लिखा है कि एक पार्षद द्वारा अपने वार्ड की समस्या के बारे में अधिकारियों को अवगत करवाया गया व लिखित शिकायत की गई। इसके अलावा एसई से लेकर जेई स्तर के अधिकारियों के समक्ष भी गुहार लगाई जाने के बाद भी किसी अधिकारी ने वार्ड नं. 77 में जाम सीवरेज को खोलने का यत्न तक नहीं किया। उल्टा पार्षद व लोगों को तीन महीने टालते रहे। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जब गंदा पानी लोगों के घरों में जाना शुरू हुआ तो लोगों को मजबूरन धरना लगाना पड़ा। पार्षद की सुनवाई नहीं, तो आम आदमी का क्या होगा
मेयर ने कहा कि नगर निगम के पार्षद सम्माननीय हैं और शहरयों ने अपने वार्ड की समस्या पार्षद को ही बतानी है। अगर पार्षद की ही सुनवाई नहीं होगी तो आम आदमी को ये अधिकारी क्या समझेंगे। इसलिए उक्त धरने के लिए जिम्मेदार ओएंडएम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और अधिकारी अपने काम में लापरवाही दिखाने की हिम्मत न करे। 24 अगस्त को लगाया था धरना
बता दें कि बीती 24 अगस्त को वार्ड नं. 77 के लोगों ने पिछले तीन महीने से बंद सीवरेज को खोलने की माग को लेकर कपूरथला रोड पर पार्षद सविता धीर की अगुवाई में धरना देकर आवाजाई ठप कर दी थी। इस दौरान मेयर व नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रकट किया था। मैंने किसी बात का गलत जवाब नहीं दिया
जब मेयर से पूछा गया कि पार्षद ने 24 अगस्त को आपको मौका देखने के लिए कहा तो आपने कहा कि मैने नहीं आना। इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्षद को कोई गलत जवाब नहीं दिया और पार्षद का सम्मान करते हुए व पार्टीबाजी से ऊपर उठ कर ही कमिश्नर को उक्त पत्र लिखा है।