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मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा से रिसीवर हटाया, प्रबंधक कमेटी को सौंपी चाबियां

मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा माई हीरां गेट से रिसीवर को हटा दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 09:18 PM (IST)
मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा से रिसीवर हटाया, प्रबंधक कमेटी को सौंपी चाबियां
मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा से रिसीवर हटाया, प्रबंधक कमेटी को सौंपी चाबियां

जासं, जालंधर : मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा माई हीरां गेट से रिसीवर को हटा दिया गया है। इसके बाद मंगलवार को मंदिर प्रबंधक कमेटी को चाबियां सौंप दी गई। बता दें कि अदालत की तरफ से 22 अप्रैल को मंदिर परिसर में लगाए गए रिसीवर को हटाने संबंधी फैसला सुनाया गया था। इसी संदर्भ में मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा के रिसीवर तहसीलदार- 2 रुपिदर पाल सिंह बल ने मंदिर प्रबंधक कमेटी के प्रधान जवाहर सहगल, सचिव अनिल पाठक को विधायक रमन अरोड़ा की मौजूदगी में चाबियां सौंपी। इस मौके पर रजनीश मल्होत्रा, शाम लाल चड्ढा, अश्वनी गुप्ता, भगवान दास खोसला, अशोक मजीठिया, योगेश्वर शर्मा, प्रमोद तिवाड़ी, मदन लाल बाहरी, राकेश थापर व राजिदर बब्बर आदि थे।

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विधायक रमन अरोड़ा ने कहा कि मां चितपूर्णी की असीम कृपा से यह काम संपन्न हो पाया है। अब हम सभी का यह फर्ज बनता है कि आपसी गिले-शिकवे मिटाकर एक बार फिर धर्म की सेवा में जुट जाएं। सभी ने विश्वास दिलाया कि सभी एकजुट होकर मंदिर व सनातन धर्म के हित में कार्य करेंगें। उन्होंने कहा कि मंदिर के काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए 15 सदस्यीय कमेटी का गठन कर लिया गया है, जिसकी जल्द ही घोषणा की जाएगी।

काबिलेजिक्र हो कि मां चितपूर्णी मंदिर ब्रह्म अखाड़ा प्रबंधक कमेटी को लेकर आपस में विरोधाभास होने पर अदालत में 2007 को केस दायर किया गया था। इसकी सुनवाई करते हुए साल 2019 में अदालत ने शांतिभंग होने की संभावना व्यक्त करते हुए मंदिर के रख-रखाव के लिए रिसीवर नियुक्त किया था। अब मंदिर कमेटी द्वारा अदालत में दिए एक लिखित आपसी समझौते के अनुसार निर्णय पारित कर आज रिसीवर हटा दिया गया है।


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