वेस्ट हलके में मोहिदर भगत के खिलाफ बगावती सुर, नए चेहरे की उठी मांग
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जालंधर वेस्ट सीट को लेकर भाजपा में हलचल शुरू हो गई है। आगामी चुनाव में भाजपा के संभावित उम्मीदवार मोहिदर भगत को लेकर बगावती सुर उठने लगे हैं।
जागरण संवाददाता जालंधर : विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जालंधर वेस्ट सीट को लेकर भाजपा में हलचल शुरू हो गई है। आगामी चुनाव में भाजपा के संभावित उम्मीदवार मोहिदर भगत को लेकर बगावती सुर उठने लगे हैं। मंडल प्रधान रुतेश निहंग ने तो सार्वजनिक तौर पर अब यह मांग कर डाली है कि जालंधर में भाजपा की खराब स्थिति को देखते हुए किसी नए चेहरे को आगे लाने की जरूरत है। भाजपा नेता का कहना है कि पुराने परिवार के नेता की गलत नीतियों के कारण वर्कर नाराज होकर घर बैठे हैं। ऐसे में भाजपा और कमजोर हो रही है। निहंग का कहना है कि इस समय वेस्ट हलके में भाजपा मजबूत नेतृत्व के अभाव में बिखर रही है और इसे एकजुट रखने के लिए परिवारवाद के बजाय किसी नए चेहरे की जरूरत है।
जालंधर वेस्ट हलका अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है और भाजपा यहां से भगत बिरादरी के बड़े नेता भगत चूनी लाल को मैदान में उतारती आई है। उनकी बढ़ती उम्र को देखकर पिछले विधानसभा चुनाव में उनके बेटे मोहिदर भगत को टिकट दी गई थी लेकिन वह कांग्रेस के युवा उम्मीदवार सुशील रिकू से चुनाव हार गए थे। इसके बाद से जालंधर वेस्ट हलके में भाजपा मजबूत नहीं हो पा रही है और कृषि सुधार कानूनों के चलते भी अकाली दल से गठबंधन टूटने से भाजपा को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगले चुनाव से पहले टिकट पर दावे से पहले मोहिदर भगत को पार्टी नेताओं को भी मनाना होगा। आगामी चुनाव में जालंधर वेस्ट हलके से भाजपा टिकट को लेकर कई दावेदार सामने आ सकते हैं।
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भाजपा उपाध्यक्ष प्रदीप खुल्लर भी उठा चुके हैं नए चेहरे का मुद्दा
जालंधर वेस्ट हलके से भाजपा टिकट को लेकर अभी से लड़ाई शुरू हो गई है। जिला भाजपा के उप प्रधान प्रदीप खुल्लर भी इस मुद्दे पर एक्टिव हैं। वह पिछले दिनों वर्करों से मीटिग करके वेस्ट हलके में नए चेहरे की तलाश पर मंथन कर चुके हैं। ऐसे में अगर नाराज नेताओं की गिनती बढ़ती गई तो मोहिदर भगत के लिए इन्हें संभालना एक चुनौती बन जाएगा। प्रदीप खुल्लर तेजतर्रार नेता हैं और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के करीबी हैं। वेस्ट हलके में टिकट पर सांपला गुट का भी दावा हमेशा ही रहा है। इस गुट के कई नेता टिकट के दावेदार हैं और हर चुनाव में भगत चूनी लाल और उनके बेटे मोहिदर भगत के लिए परेशानी खड़ी करते हैं। प्रदीप खुल्लर नए चेहरे की तलाश के मुद्दे को इंटरनेट मीडिया पर भी उठाने से पीछे नहीं हट रहे।