रॉ मटीरियल की कीमतों में उछाल, हैंड टूल्स होंगे महंगे
रॉ मटीरियल की कीमतें तीन महीने से लगातार बढ़ने का असर सूबे की हैंड टूल्स इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है। हैंड टूल्स उत्पाद 10 प्रतिशत महंगे हो सकते हैं।
जालंधर [कमल किशोर]। वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल, लोहा व निक्कल की कीमतें तीन महीने से लगातार बढ़ने का असर सूबे की हैंड टूल्स इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है। हैंड टूल्स उत्पाद 10 प्रतिशत महंगे हो सकते हैं। पहले ही आर्थिक मंदी के चलते इंडस्ट्री को ऑर्डर कम मिल रहे हैं। ऊपर से केंद्र सरकार रॉ मटीरियल की कीमत कम करवाने में विफल है।
विदेशी बायर पुरानी कीमत पर ही उत्पाद खरीदना चाहते हैं। अगर इंडस्ट्री उत्पाद की कीमत बढ़ाती है तो बायर ऑर्डर कम देगा। बता दें कि लुधियाना व जालंधर में बनने वाले हैंड टूल्स की यूरोप के देशों में काफी मांग है।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के डिप्टी डायरेक्टर ओपिंदरजीत सिंह का कहना है कि रॉ मटीरियल महंगा होने से उत्पाद 10 प्रतिशत तक महंगे होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हैंड टूल्स इंडस्ट्री प्रतिवर्ष 1300 करोड़ का कारोबार करती है। 950 करोड़ का कारोबार विदेशों व 350 करोड़ रुपये का कारोबार देशभर में होता है।
तीन महीने से लगातार बढ़ रही है रॉ मटीरियल की कीमत
धातु | तीन महीने पहले कीमत | अब |
लोहा | 43000 रुपये प्रति क्विंटल | 53,000 |
निक्कल | 650 रुपये प्रति किलो | 1000 रुपये |
-क्रूड ऑयल का भाव 7 महीने पहले 40 यूएस डॉलर प्रति बैरल था। अब 76 डॉलर प्रति बैरल है।
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ये हैंड टूल्स उत्पाद होंगे महंगे
हैंड टूल्स उत्पाद जैसे स्पैनर, स्क्रू ड्राइवर, रेंच, बाइलिसस, प्लैनर, हथौड़ी, आदि महंगे होने की उम्मीद जताई जा रही है।
उत्पाद 10 प्रतिशत महंगे हो सकते हैं
एचआर इंटरनेशनल के एमडी सुरेश शर्मा का कहना है कि रॉ मटीरियल महंगा होने की वजह से उत्पाद 10 प्रतिशत महंगे हो सकते हैं। सरकार रॉ मटीरियल की कीमतों पर रोक नहीं लगा पा रही है। लोहे, निक्कल व क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ती जा रही है। रॉ मटीरियल कीमतें बढ़ती जाएगी को मजबूरन इंडस्ट्री को उत्पाद की कीमतें बढ़ानी होगी।
रॉ मटीरियल की कीमतों में उछाल आना चिंताजनक
ईईपीसी के डिप्टी डायरेक्टर ओपिंदरजीत सिंह का कहना है कि रॉ मटीरियल महंगा होने से इंडस्ट्री के कारोबार पर असर पड़ना स्वाभाविक है। हैंड टूल्स इंडस्ट्री के साथ-साथ ऑटो पाट्र्स इंडस्ट्री, कास्टिंग एवं फोर्जिंग इंडस्ट्री का कारोबार भी प्रभावित होगा। तीन महीने में रॉ मटीरियल की कीमतों में उछाल आना चिंताजनक का विषय है।
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