अब धनिया और अदरक बिना सब्जी कैसे बने, हुई यह मुश्किल
पिछले दिनों हुई ट्रास्पोर्टरों की हड़ताल और उसे बाद बारिश होने का काफी असर सब्जी मंडी में देखने को मिल रहा है। सब्जियों के रेट में काफी इजाफा हो गया है।
जालंधर [शाम सहगल]। पिछले दिनों हुई ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल और उसके बाद बारिश होने का असर सब्जी मंडी में देखने को मिल रहा है। सब्जियों के दाम एकदम चढ़ गए हैं। सब्जी की खरीद पर मुफ्त में मिलने वाले हरे धनिया के दाम में दोगुने से अधिक का इजाफा हो चुका है। यह मंडी में रिटेल में 120 प्रति किलो बिक रहा है। यही कारण है कि सब्जी मंडी में इन दिनों चंद दुकानों पर ही हरा धनिया नजर आ रहा है।
हड़ताल और बारिश का दिखा असर, भाव आसमान छू रहे
कमोबेश यही स्थिति अदरक की भी है। मंडी में इन दिनों पुराना अदरक 80 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हालांकि नया अदरक 65 से लेकर 80 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है, लेकिन इसकी मांग पुराने अदरक की अपेक्षा बहुत कम है। इसका कारण है कि इसकी परत बहुत पतली होती है और जल्दी खराब हो जाता है।
नई फसल में लगेगा डेढ़ माह, तब तक रहेंगे यही दाम
सब्जी के थोक विक्रेता रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले ट्रांस्पोर्टरों की हड़ताल व फिर भारी बारिश के चलते इस बार धनिया की फसल काफी तबाह हो गई। लोकल फसल तो तबाह हुई ही, केरल, गुजरात सहित अन्य राज्यों से भी हरा धनिया नहीं आया। नई फसल आने में अभी करीब डेढ़ माह लगेगा, इसलिए दामों की स्थिति यथावत ही रहेगी।
अदरक की फसल भी इस बार कम
सब्जी मंडी में अदरक के थोक विक्रेता संजीव कुमार ने बताया कि इस बार अदरक की फसल पिछले साल से काफी कम है। यही कारण है कि स्टॉक में माल कम है और नई फसल अभी मंडियों में पहुंच नहीं रही। इसीलिए दाम इतने बढ़े हुए हैं। नवंबर के बाद ही दामों में कमी आ सकती है। रिटेल की दुकानों से गायब हुआ हरा धनियां आमतौर पर सब्जी खरीदने पर ग्राहक हरा धनियां मुफ्त में देने की मांग करता है, इसलिए अधिकतर रिटेल दुकानदारों ने हरा धनिया बेचना ही बंद कर दिया है।
रिटेल दुकानदार विकास कुमार ने बताया कि दो वर्ष पहले धनिये के दामों में इतना ही इजाफा हुआ था। उन्होंने कहा कि धनिया को सब्जियों के बीच डिस्प्ले नहीं किया जा रहा। केवल ग्राहक की मांग पर ही उसे दिया जाता है।