भाइयों ने कोरोना संकट से निकाला, यही मेरे लिए राखी का गिफ्ट
डॉ. हरवीन कौर पिछले करीब साढ़े चार साल से कोरोना को हराने में जुटी हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का अटूट बंधन है। कोरोना काल में रक्षाबंधन मनाने की राह में कई बाधाएं आ रही हैं। हालांकि ये बाधाएं अटूट बंधन के आगे कोई अहमियत नहीं रखतीं। ऐसा मानना है सिविल अस्पताल में तैनात इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. हरवीन कौर का। डॉ. हरवीन कौर पिछले करीब साढ़े चार साल से कोरोना को हराने में जुटी हैं। इस जंग में वे खुद भी कोरोना की शिकार हुई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और ठीक होने के बाद दोबारा जिम्मेदारी निभा रही हैं।
डॉ. हरवीन कौर कहती हैं कि उन्हें कोरोना होने पर उनके भाइयों ने दिन-रात उनकी सेवा की और इस संकट से निकाला। यही मेरे लिए रक्षाबंधन का गिफ्ट है। इस बार मार्केट में कुछ खास नहीं आया है। ऐसे में रक्षाबंधन घर में ही सादे ढंग से मनाएंगे। भाइयों के लिए राखियां खरीद ली हैं।
डॉ. हरवीन के बड़े भाई गगनदीप सिंह रियल एस्टेट का कारोबार करते हैं। वे कहते हैं कि वे वह बहन के हर दुख को अपना दुख मानते हैं। कोरोना संकट में 17 दिन तक बहन की सेवा कर उन्हें कोरोनामुक्त करवाने में कामयाबी हासिल की है।
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प्लाज्मा दान करने की सहमति देने वालों को दिए प्रशंसा पत्र
जासं, जालंधर : कोरोना वायरस की चपेट में आए देहात पुलिस के 24 पुलिसकर्मियों से एसएसपी नवजोत माहल व अन्य पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को मुलाकात की। इस दौरान प्लाज्मा दान करने की सहमति देने वाले इन पुलिस कर्मियों को प्रशंसा पत्र भी दिए गए। इसके अलावा इन सभी का नाम डीजीपी को मेडल के लिए भी भेजने का भरोसा दिलाया गया।
माहल ने कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि वह खुद भी 17 दिन की जंग के बाद कोरोना को हराकर दफ्तर लौटे हैं। बाकी सभी कर्मचारियों ने भी कोरोना पर जीत हासिल कर विभाग का नाम रोशन किया है। सभी ने प्लाज्मा दान करने की सहमति देकर कोरोना से जंग में बड़ा योगदान दिया है। इस मौके एसपी रवि कुमार, एसपी पीबीआइ रविदरपाल सिंह संधू, डीएसपी स्पेशल स्टाफ सर्बजीत राय, डीएसपी जसप्रीत सिंह, इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह आदि मौजूद थे।