अकाली दल के दो बड़े नेताओं में टकराव, मक्कड़ का इस विधायक पर रायपुर को शह देने का आरोप
पूर्व विधायक सरबजीत मक्कड़ ने कहा कि रायपुर और उनका भाई जसपाल सिंह ढेसी प्रॉपर्टी कारोबारी हैं और उन्हें राजनीतिक रूप से ब्लैकमेल कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : शिरोमणि अकाली दल के दो बड़े नेताओं में टकराव बढ़ गया है। जमीनी विवाद को लेकर चल रहे टकराव में पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ ने आरोप लगाया है कि एसजीपीसी मेंबर परमजीत सिंह रायपुर कांग्रेस की शह पर चुनाव के दौरान विवाद खड़ा कर रहे हैं। मक्कड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रायपुर हर बार चुनाव आते ही यह विवाद उठाते हैं। मक्कड़ ने कहा कि उन्होंने कूल रोड पर ज्योति नगर में 55 मरले का प्लाट 1997 में खरीदा था और उनके पास इसकी रजिस्ट्री और कोर्ट के आर्डर भी हैं। रायपुर के पास जो रजिस्ट्री है वह 2005 की है और प्लॉट उन्होंने किससे खरीदा, यह वह ही बता सकते हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि रायपुर और उनका भाई जसपाल सिंह ढेसी प्रॉपर्टी कारोबारी हैं और झगड़े वाली जमीनें ही खरीदते हैं। परमजीत सिंह रायपुर उन्हें राजनीतिक रूप से ब्लैकमेल कर रहे हैं। इसके पीछे कांग्रेस के विधायक परगट सिंह का हाथ हो सकता है। रायपुर के इस हथकंडे के पीछे लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल को नुकसान पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि वह अकेले प्लॉट के मालिक नहीं हैं। प्लाट में कुल चार पार्टनर हैं। विनय शर्मा, विनोद शर्मा और प्रितपाल सिंह जो कि एनआरआइ हैं। प्रेस कांफ्रेस में विनय शर्मा भी मौजूद थे। विनय शर्मा ने कहा कि एक बार प्लॉट पर कब्जे की कोशिश भी की गई थी। इस मामले में रायपुर के दो रिश्तेदारों पर भी केस हुआ था।
बादल साहब ने कोई समझौता नहीं करवाया
सरबजीत मक्कड़ ने कहा कि परमजीत रायपुर बार-बार यह कह कर गुमराह कर रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल ने समझौता लिखवाया था। यह पूरी तरह से गलत है। हां अब दो सदस्यीय कमेटी जरूर बनाई। डॉ. दलजीत सिंह चीमा और विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला को चुनाव के बाद जमीन के कागज चेक करने की जिम्मेवारी दी गई है। वह दोनों को कभी भी कागज चेक करवाने के लिए तैयार हैं।
मेरे 5 गांव में ही मक्कड़ को लीड मिली : रायपुर
एसजीपीसी मेंबर परमजीत सिंह रायपुर ने कहा कि सरबजीत मक्कड़ के सभी आरोप झूठे हैं। मैंने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में उनके पांचों गांव से मक्कड़ को लीड मिली थी। अगर परगट की मदद की होती तो ऐसा न होता। मक्कड़ ने जमीन पर कब्जा किया है और मैं इसे साबित कर दूंगा। गलत तरीके और खसरा नंबरों के आधार पर श्मशानघाट की जमीन की रजिस्ट्री करवा कर उनके प्लॉट पर कब्जा कर लिया गया।