अब जनरल डिब्बों में टोकन सिस्टम से मिलेगी सीट, उंगलियों के निशान होंगे स्कैन Jalandhar News
रेलवे ने ट्रेनों के जनरल डिब्बों में यात्रियों की सीट को सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक बेस्ड टोकन सिस्टम अपनाया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। रेलवे ने ट्रेनों के जनरल डिब्बों में यात्रियों की सीट को सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक बेस्ड टोकन सिस्टम अपनाया है। जिससे यात्रियों की सीट पूरी तरह से रिजर्व हो जाएगी। पुष्पक एक्सप्रेस में रेल मंत्री पियूष गोयल की तरफ से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। जनरल डिब्बों में टिकट खरीदने वाले यात्रियों को बायोमीट्रिक मशीन से अपनी उंगलियों के निशान स्कैन करवाने होंगे। जिसके बाद एक टोकन जरनेट होगा। टोकन की कुल संख्या जनरल डिब्बों में उपलब्ध सीटों की संख्या के अनुरूप ही होगी।
इस सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए आरपीएफ मदद करेगी, जो प्लेटफार्म पर ट्रेन आने से कुछ समय पहले यात्रियों को टोकन के क्रमानुसार लाइन में खड़ा करेगी। ऐसे में सीटें केवल टोकन वाले यात्रियो को ही मिलेंगी, जबकि देरी से आने वाले यात्रियों को सीट नहीं मिलेगी, उन्हें जमींन पर ही बैठकर ही सफर करना होगा। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से ट्रेनों में चढ़ने व उतरने में होने वाली धक्का-मुक्की की घटनाएं रुकेंगी। गौर हो कि पायलट प्रोजेक्ट वेस्टर्न रेलवे डिवीजन के मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन और बांद्रा टर्मिनस पर पहले ही शुरू कर दिया गया है।
इसके लिए दोनों स्टेशनों पर दो दो बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। ट्रेन खुलने के 60 से 90 मिनट पहले सिस्टम को शुरू कर पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर टोकन दिए जाएंगे। सात ट्रेनों में सिस्टम किया लागू मुंबई सेंट्रल में जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, करनावती एक्सप्रेस, गुजरात मेल, गोल्डन टेंपल मेल में लागू है, वहीं बांद्रा टर्मिनल पर पश्चिम एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस और महाराष्ट्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यह सिस्टम को लागू है।
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